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डोनाल्ड ट्रंप vs कौन? अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में Biden को रिप्लेस कर सकते हैं ये 6 चेहरे

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच बहस होती है. इस बार प्रेसिडेंट जो बाइडेन के सामने डोनाल्ड ट्रंप थे. डिबेट में बाइडेन लगातार कमजोर नजर आए. तब से चर्चा है कि उन्हें राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हटाकर दूसरा चेहरा लाया जा सकता है. जानिए, इनमें से कौन हो सकता है डेमोक्रेट्स की तरफ से अगला दावेदार, जो ट्रंप को टक्कर दे सके.

जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी में कमजोर दिख रहे हैं. (Photo- AP) जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी में कमजोर दिख रहे हैं. (Photo- AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन के कई वीडियो वायरल होते रहे, जिसमें उनका अपने शरीर पर काबू कम दिखता है. ये तक कहा जा रहा है कि उम्रदराज बाइडेन अब इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार नहीं. हाल में हुई राष्ट्रपति पद के लिए बहस ने भी इस बात पर जोर दिया. बाइडेन अपने विपक्षी डोनाल्ड ट्रंप से कमजोर नजर आ रहे थे. अब कयास हैं कि बाइडेन की जगह डेमोक्रेट्स कोई दूसरा मजबूत कैंडिडेट ला सकते हैं. 

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बाइडेन को पार्टी ने अब तक राष्ट्रपति पद के लिए अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. अगस्त में इसका एलान होना है. मतलब इसकी गुंजाइश है कि राष्ट्रपति पद के लिए बहस में हिस्सा लेने के बावजूद बाइडेन को रिप्लेस किया जा सकता है. 

अगले महीने होगा आधिकारिक एलान

शिकागो में होने वाली बैठक में इसके लिए वोटिंग होगी, जिसमें कुल सात सौ पार्टी सदस्य हिस्सा लेंगे. डेमोक्रेट्स की मेजोरिटी जिस तरफ होगी, उसी चेहरे को पार्टी का उम्मीदवार माना जाएगा. अगस्त के आखिर में होने वाली इस वोटिंग के बाद उनके पास मुश्किल से ढाई महीने होंगे, जब वे नए कैंडिडेट का प्रचार कर सकेंगे. दूसरी तरफ रिपब्लिकन्स ने पूरी तरह से डोनाल्ड ट्रंप पर यकीन जताया है. वे लंबे समय से इसके लिए प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि डेमोक्रेट्स के लिए जंग मुश्किल हो सकती है. खेल शुरू होने से पहले हारा हुआ महसूस करते डेमोक्रेट्स की घबराहट दिख भी रही है. पार्टी के सांसद लॉयड डोगेट ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि बाइडेन को अपना नाम उम्मीदवारी से वापस ले लेना चाहिए. 

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कौन से चेहरे हो सकते हैं दावेदार

गैविन क्रिस्टोफर न्यूसम एक बिजनेसमैन होने के अलावा मंजे हुए पॉलिटिशियन हैं. फिलहाल कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसम ने हालांकि बाइडेन के रिप्लेसमेंट को मूर्खता करार देते हुए कहा था कि ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन 56 साल के इस व्यावसायी को बड़े दावेदार की तरह देखा जा सकता है. 

इलिनॉइस के गवर्नर जे रॉबर्ट प्रित्जकर लंबे वक्त से डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य रहे. अमेरिका के सबसे अमीर घरानों में से एक प्रित्जकर पार्टी के लिए बड़ा दांव हो सकते हैं. प्रित्जकर की महिलाओं में भी अच्छी पैठ है. बता दें कि अमेरिका में आज भी सारे राज्यों में अबॉर्शन का अधिकार नहीं है, वहीं अपने स्टेट में इस गवर्नर ने इसे कानूनी वैधता दे दी. 

कमला हैरिस सबसे मजबूत दावेदार

हैरिस का नाम बार-बार आता रहा. लगभग 59 साल की कमला हैरिस फिलहाल वाइस प्रेसिडेंट भी हैं और मजबूत छवि के चलते पहली चॉइस भी. बाइडेन की सेहत को लेकर जो कयास लग रहे हैं, उनके बीच अगर वे इस्तीफा दे दें तो भी कुछ समय के लिए हैरिस अपने-आप राष्ट्रपति हो जाएंगी. ऐसे में डेमोक्रेट्स के लिए उन्हें कैंडिडेट चुनना आसान हो जाएगा. 

52 साल की ग्रेचेन वाइटमर को भी दावेदार माना जा रहा है. खुद जो बाइडेन लगातार वाइटमर की तारीफ करते रहे. डेमोक्रेट्स पार्टी में रहते हुए वे गन लॉ को और सख्त करने, अबॉर्शन से बैन हटाने और बच्चों के लिए यूनिवर्सल प्रीस्कूलिंग जैसे मुद्दे उठाती रहीं, जो सारे वर्गों को कनेक्ट करता है. 

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अमेरिकी राजनीतिज्ञ शेरोड कैम्पबेल ब्राउन दो दशकों से भी ज्यादा समय से एक ही पार्टी से जुड़े हुए हैं. 71 साल के कैम्पबेल वैसे तो दावेदारों की संभावित लिस्ट में सबसे उम्रदराज होंगे, लेकिन तब भी वे रिपब्लिकन्स के डोनाल्ड ट्रंप से लगभग सात साल छोटे होंगे. वे अक्सर लेबर राइट्स पर बात करते रहे. 

डीन बेन्सन फिलिप्स भी एक दावेदार हो सकते हैं. इन्होंने साल की शुरुआत में खुद ही आगे आकर बाइडेन को रिप्लेस कर उनकी जगह लेने की कोशिश की, लेकिन पार्टी को ये खास पसंद नहीं आया. हालांकि अब मामला गड़बड़ाया हुआ है, ऐसे में फिलिप्स भी एक चॉइस हो सकते हैं.

ट्रंप और बाइडेन की लाइव डिबेट में क्या-क्या हुआ? 

बीते हफ्ते डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन और रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट (Presidential Debate) हुई थी. अटलांटा में हुई 90 मिनट की इस डिबेट को CNN ने आयोजित कराया था. इस डिबेट में इजरायल-हमास जंग से लेकर, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन से अमेरिका के संबंधों, अबॉर्शन, गन वायलेंस, टैक्स, महंगाई, बेरोजगारी, क्लाइमेट चेंज और अवैध प्रवासियों जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हुई. बाइडेन लगातार कमजोर पड़ते दिखे. यहां तक कि रिफ्यूजियों के मुद्दे पर ट्रंप ने उन्हें लगभग घेर लिया था. 

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