
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने खुद को विधायक पद से अयोग्य ठहराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
SC में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. अब्दुल्ला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
क्या है पूरा मामला?
- 3 जनवरी 2019 में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने गंज पुलिस थाने में अब्दुल्ला के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया था कि उनके पास दो अलग-अलग बर्थडेट वाले सर्टिफिकेट हैं. अप्रैल में पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी.
- चार्जशीट के मुताबिक, एक सर्टिफिकेट में अब्दुल्ला की बर्थडेट 1 जनवरी 1993 दर्ज थी. ये सर्टिफिकेट रामपुर नगर पालिका ने जारी किया था. वहीं, दूसरे सर्टिफिकेट में उनकी बर्थडेट 30 सितंबर 1990 दर्ज थी और उनका जन्मस्थान लखनऊ बताया था.
- बीजेपी नेता ने आरोप लगाया था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में नॉमिनेशन फाइल करते समय अब्दुल्ला ने कथित तौर पर गलत जन्मतिथि दी थी. अब्दुल्ला ने 2017 में स्वार सीट से जीत हासिल की थी.
- इस मामले में आजम खान और उनकी पत्नी को जेल भी हुई थी. उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने बेटे को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट दिलवाया, ताकि वो विधानसभा चुनाव लड़ सके.
- दिसंबर 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए मोहम्मद अब्दुल्ला को अयोग्य ठहराया था, क्योंकि जब वो विधायक बने थे तब उनकी उम्र 25 साल से कम थी. जबकि, विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 25 साल से ज्यादा उम्र होनी चाहिए.
- मोहम्मद अब्दुल्ला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
कौन हैं मोहम्मद अब्दुल्ला?
मोहम्मद अब्दुल्ला समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे हैं. उन्होंने 2017 में पहली बार स्वार सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराया था. दूसरी बार 2022 के चुनावों में फिर उन्होंने जीत दर्ज की.
फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के अलावा 9 सितंबर 2019 को अब्दुल्ला को अपनी मां तंजीन फातिमा के साथ मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए कथित तौर पर किसानों की जमीन हड़पने का नोटिस मिला था.