
Surrogacy Law in India: सरोगेसी यानी किराये की कोख. इसको लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. वजह है साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस नयनतारा और डायरेक्टर विग्नेश सिवन की जोड़ी. दोनों ने इसी साल 9 जून को शादी की थी. शादी के ठीक चार महीने बाद 9 अक्टूबर को नयनतारा और विग्नेश ने जुड़वा बच्चों को जन्म देने का ऐलान किया. कपल ने सरोगेसी के जरिए बच्चों को जन्म दिया है.
सोशल मीडिया पर इसकी खबर साझा करते हुए विग्नेश ने लिखा, 'नयन और मैं, अम्मा और अप्पा बने हैं. हम जुड़वा बच्चों के माता-पिता बने हैं. सभी की प्रार्थनाओं और पूर्वजों का आशीर्वाद हमें दो बच्चों के रूप में मिला है. अब जिंदगी और ज्यादा रोशन और खूबसूरत लग रही है.'
जैसे ही ये खबर सामने आई, वैसे ही सरोगेसी कानून को लेकर बहस भी शुरू हो गई. सवाल उठ रहे थे कि क्या नयनतार और विग्नेशन ने शादी के बाद इतनी जल्दी बच्चा पैदा करके सरोगेसी कानून का उल्लंघन किया है. तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यम ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी.
नयनतारा और विग्नेश ने ऐसा करके क्या कानून का उल्लंघन किया है? ये तो जांच के बाद ही सामने आएगा. बहरहाल, ये जानना जरूरी है कि भारत में सरोगेसी को लेकर कानून क्या है? सरोगेसी से माता-पिता कौन बन सकता है? कौन सी महिला सरोगेट मदर बन सकती है?
सरोगेसी को लेकर क्या है कानून?
- 15 जुलाई 2019 को सरकार ने सरोगेसी रेगुलेशन बिल लोकसभा में पेश किया था. दिसंबर 2021 में ये बिल पास कर दिया गया और जनवरी 2022 में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया.
- ये कानून भारत में सरोगेसी के तौर-तरीकों के बारे में बताता है. साथ ही कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाता है. कानूनन सरोगेसी निःस्वार्थ भाव से ही की जा सकती है. इसका मतलब कि सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर को कोई पैसा नहीं दिया जा सकता. लेकिन, जो कपल सरोगेसी से माता-पिता बनना चाहते हैं, उन्हें सरोगेट मदर का मेडिकल खर्च और बीमा कवर करवाना जरूरी है.
कौन बन सकती है सरोगेट मदर?
- कानून के अनुसार, कपल की करीबी रिश्तेदार ही सरोगेट मदर बन सकती है. सरोगेट मदर की उम्र 25 से 35 साल के बीच होनी चाहिए.
- इसके अलावा, वही महिला सरोगेट मदर बन सकती है जो कभी शादीशुदा रही है और उसका अपना बच्चा हो. अविवाहित महिला सरोगेट मदर नहीं बन सकती.
- कोई भी महिला अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है. पहले इसकी सीमा तीन बार की थी.
- सरोगेट मदर बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे को उसके मां-बाप को सौंप देती है. सरोगेसी से जन्मे बच्चे को सारे अधिकार रहते हैं. सरोगेसी से जन्मे बच्चे में अगर कोई दोष होता है तो कपल उसको अपनाने से मना नहीं कर सकता.
सरोगेसी से कौन बन सकता है मां-बाप?
- सरोगेसी के जरिए ऐसे कपल माता-पिता बन सकते हैं जो बच्चे को जन्म देने में असमर्थ हों या प्रजनन क्षमता से जुड़ी कोई समस्या हो.
- सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए कपल का शादीशुदा होना जरूरी है. लिव इन में रह रहे कपल सरोगेसी से मां-बाप नहीं बन सकते.
- इतना ही नहीं, सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए पति की उम्र 23 से 50 साल और पत्नी की उम्र 26 से 55 साल के बीच ही होना चाहिए.
- ये कानून तलाकशुदा और विधवा महिलाओं को भी सरोगेसी से मां-बाप बनने की इजाजत देता है. लेकिन उनकी उम्र 35 से 45 साल के बीच होनी चाहिए.
- अगर कोई कपल या डॉक्टर सरोगेसी कानून का उल्लंघन करता है तो उसे 5 साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
सरोगेट पेरेंट बनने के लिए जरूरी है 5 साल की शादी?
2019 में जब ये बिल संसद में पेश किया गया था, तब उसमें ये भी प्रावधान था कि सरोगेसी से वही मां-बाप बन सकते हैं, जिनकी शादी को कम से कम 5 साल हो चुके हों.
हालांकि, बाद में इस प्रावधान को हटा दिया गया था. यानी, अब ये जरूरी नहीं है. सरोगेसी से मां-बाप बनने के लिए सिर्फ शादीशुदा होना ही जरूरी है.
नयनतारा-विग्नेश के पेरेंट बनने पर सवाल क्यों?
सरोगेसी कानून के अनुसार, सरोगेट पेरेंट वही बन सकते हैं जो शादीशुदा हों. लेकिन नयनतारा और विग्नेश ने जब सरोगेसी से मां-बाप बनने का फैसला लिया, तब वो शादीशुदा नहीं थे. दोनों की शादी इसी साल जून में हुई है और अक्टूबर में मां-बाप बन गए.