
केंद्रीय जांच एजेंसी की तमिलनाडु में भी एंट्री बैन हो गई है. तमिलनाडु से पहले ही बंगाल और बिहार जैसे कई राज्य सीबीआई की एंट्री अपने यहां बैन कर चुके हैं.
तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है, जब एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक्साइज मंत्री सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया है. ईडी ने बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है.
तमिलनाडु के गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि सरकार ने दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत अब सीबीआई को राज्य में किसी भी मामले की जांच करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी.
तमिलनाडु सरकार ने सीबीआई को दी 'सामान्य सहमति' को वापस ले लिया है. इसका मतलब हुआ कि अब से सीबीआई को राज्य में जांच करने के लिए तमिलनाडु सरकार की मंजूरी लेनी होगी. ये सरकार पर निर्भर करेगा कि वो जांच की अनुमति दे या न दे.
'सामान्य सहमति' का मतलब क्या?
- सीबीआई का गठन दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत हुआ है. इस कानून की धारा 6 कहती है कि सीबीआई को किसी भी मामले की जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है.
- आमतौर पर राज्य सरकारों ने सीबीआई को 'सामान्य सहमति' दे रखी थी. सामान्य सहमति मिलने पर सीबीआई राज्यों में किसी मामले की बिना रोक-टोक जांच कर सकती है.
- जब राज्य सरकार इस 'सामान्य सहमति' को वापस ले लेती है तो फिर सीबीआई को हर मामले की जांच के लिए मंजूरी लेनी होती है. इतना ही नहीं, छोटी-छोटी कार्रवाई के लिए भी मंजूरी लेना जरूरी होता है.
- इसके अलावा, अगर कोई राज्य सरकार सामान्य सहमति को वापस ले लेती है तो फिर सीबीआई उस राज्य के किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर सकती.
तो क्या अब सीबीआई की एंट्री नहीं होगी?
- नहीं. सीबीआई भले ही केंद्र सरकार के अधीन है, लेकिन ये तभी किसी मामले की जांच करती है, जब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिलता है. अगर मामला किसी राज्य का है, तो जांच के लिए वहां की राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है.
- इसका मतलब ये हुआ कि अगर सीबीआई को तमिलनाडु में अब किसी मामले की जांच करनी है, तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी जरूरी है. पहले भी ऐसा था, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने सामान्य सहमति दे रखी थी, इसलिए अनुमति आसानी से मिल जाती थी.
- लेकिन यहां एक पेंच है. अगर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट सीबीआई को जांच करने का आदेश देती है, तो फिर एजेंसी को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
सीबीआई की एंट्री कहां-कहां बैन है?
- तमिलनाडु 10वां राज्य है जहां सीबीआई की एंट्री बैन हो चुकी है. इससे पहले झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम और राजस्थान में सीबीआई की एंट्री बैन हो चुकी है.
- महाराष्ट्र में भी जब महाविकास अघाड़ी की सरकार थी तो सीबीआई की एंट्री बैन कर दी गई थी. लेकिन पिछले साल सत्ता बदलते ही राज्य सरकार ने दोबारा सीबीआई को 'सामान्य सहमति' दे दी थी.
- जिन राज्यों में 'सामान्य सहमति' नहीं दी गई है या फिर जहां विशेष मामलों में सामान्य सहमति नहीं है, वहां DSPE एक्ट की धारा 6 के तहत राज्य सरकार की विशेष सहमति जरूरी है.
क्या बाकी एजेंसियों को भी मंजूरी लेनी होती है?
- सीबीआई को तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी होती है. लेकिन केंद्र की बाकी एजेंसियों को ऐसी जरूरत नहीं पड़ती. चाहे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) हो या प्रवर्तन निदेशालय (ED) हो.
- ये एजेंसियों पूरे देश में कहीं भी जाकर जांच कर सकतीं हैं. इन्हें राज्यों में जांच करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होती.