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46 साल पहले थाईलैंड में हुए नरसंहार की बरसी पर मास शूटिंग, जानें क्या हुआ था उस दिन?

Thailand Mass Shooting: थाईलैंड में मास शूटिंग की घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली है. मास शूटिंग की घटना उस दिन हुई है, जब देश में 46 साल पहले हुए नरसंहार की बरसी मनाई जा रही थी. उस नरसंहार में 40 छात्रों की मौत हो गई थी.

तस्वीर 6 अक्टूबर 1976 को थाईलैंड में हुए नरसंहार की है. (फाइल फोटो-AFP) तस्वीर 6 अक्टूबर 1976 को थाईलैंड में हुए नरसंहार की है. (फाइल फोटो-AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

Thailand Mass Shooting: महज 7 करोड़ की आबादी वाला थाईलैंड एक बार फिर दहल उठा है. यहां के ना क्लांग जिले में मास शूटिंग में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. मास शूटिंग की ये घटना चाइल्ड केयर सेंटर में हुई है. 

हमलावर का नाम पान्या खामराब (Panya Khamrab) था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पान्या खामराब एक पुलिस अधिकारी था. वो ड्रग एडिक्ट था और इस कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. हमले के बाद हमलावर ने पत्नी और बच्चों के साथ खुद को भी गोली मार ली.

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थाईलैंड में ये हमला ऐसे समय हुआ है, जब देश में 1976 में हुए नरसंहार की बरसी मनाई जा रही थी. 1976 में आज ही के दिन बैंकॉक की थामासैट यूनिवर्सिटी (Thammasat University) में नरसंहार हुआ था, जिसमें 40 छात्रों को मौत के घाट उतार दिया गया था.

क्या हुआ था 1976 में?

साल 1973 में थाईलैंड में तानाशाह थानोम कित्तिकाचोर्न (Thanom Kittikachorn) को गद्दी से हटा दिया गया था. लेकिन सितंबर 1976 में थानोम दोबारा थाईलैंड की सत्ता पर काबिज हो गए. 

थानोम की वापसी के विरोध में थामासैट यूनिवर्सिटी में 5 हजार से ज्यादा छात्र एकजुट हुए थे. शाम साढ़े 5 बजे के आसपास जब प्रदर्शन चल रहा था, तभी यूनिवर्सिटी परिसर में एक बम दागा जाता है और फिर गोलीबारी शुरू हो जाती है.

1976 में छात्र जान बचाने के लिए पुलिस के सामने रो रहे थे. (फाइल फोटो-AFP)

गोलीबारी के बीच पुलिस और दक्षिणपंथी समूह से जुड़े लोग यूनिवर्सिटी कैम्पस का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस जाते हैं. और फिर शुरू होता है कत्लेआम.

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कई छात्रों की मौत पुलिस की गोली से हो गई. किसी को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. बताया जाता है कि महिला छात्रों के कपड़े उतरवा दिए गए थे. कई पुरुष छात्रों के भी कपड़े उतरवा दिए गए थे और जमीन पर लेटा दिया गया था.

उस दिन थामासैट यूनिवर्सिटी में इतनी बर्बरता हुई थी, जिसे सुनकर रौंगटे खड़े हो जाते हैं. कई छात्रों को मारकर उनके शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था और फिर शव के साथ भी बर्बरता की गई थी.

6 अक्टूबर 1976 को नरसंहार में 40 छात्रों की मौत हुई थी. (फाइल फोटो-AFP)

ढाई साल पहले भी हुई थी मास शूटिंग

थाईलैंड में ढाई साल पहले फरवरी 2020 में भी मास शूटिंग की घटना हुई थी. तब 8 और 9 फरवरी को सेना के एक जवान ने गोलीबारी कर 29 लोगों को मार दिया था. मास शूटिंग की इस घटना में 58 लोग घायल हुए थे.

इस घटना को जकरापंथ थोम्मा ने अंजाम दिया था. वो 8 फरवरी को कर्नल अनंथारोट क्रासे के घर संपत्ति विवाद पर चर्चा करने के लिए पहुंचा था. वहां उसने कर्नल की बंदूक छीन ली और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. बाद में कर्नल की सास को भी गोली मारकर चला गया.

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इसी मॉल में हमलावर को एनकाउंटर में मार दिया गया था. (फाइल फोटो-AFP)

यहां से वह थोम्मा आर्मी बेस गया और गार्ड से बंदूकें छीनकर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. इसमें एक जवान की मौत हो गई. फिर यहां से वो सेना की गाड़ी लेकर निकल गया. 

इसके बाद वो एक शॉपिंग मॉल पहुंचा, जहां उसने 14 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. उसने 16 लोगों को बंधक भी बना लिया था. पुलिस ने मॉल को घेर लिया और थोम्मा को सरेंडर करने को कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी. आखिरकार 9 फरवरी को एनकाउंटर में थोम्मा मारा गया था.

 

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