Advertisement

'लव जिहाद' पर उम्रकैद, जमानत के लिए ये दो शर्तें जरूरी... जानें- UP में कितना सख्त होगा नया धर्मांतरण विरोधी कानून?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने धर्मांतरण रोकने के लिए चार साल पुराने कानून को और सख्त कर दिया है. विधानसभा में ये बिल पास हो गया है. इस बिल में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही जुर्माने की रकम को भी दोगुना कर दिया गया है. ऐसे में जानते हैं कि यूपी में कथित लव जिहाद को रोकने के लिए कितना सख्त कानून आने वाला है?

यूपी में लव जिहाद का कानून और सख्त होने जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) यूपी में लव जिहाद का कानून और सख्त होने जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

उत्तर प्रदेश में कथित 'लव जिहाद' को रोकने वाले पुराने कानून को और सख्त कर दिया गया है. नए कानून में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है. नए कानून में जुर्माने की रकम को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है.

पुराने कानून को सख्त करने वाला 'प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन (अमेंडमेंट) बिल 2024' विधानसभा से पास भी हो गया है.

Advertisement

प्रस्तावित बिल के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति डरा-धमकाकर, लालच देकर, शादी कर या शादी का वादा कर किसी महिला, नाबालिग या किसी भी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करता है या ऐसी कोशिश करता है तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा.

पुराना कानून था तो नया क्यों आया?

यूपी में 2020 से जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून है. लेकिन चार साल बाद सरकार ने इसमें फिर संशोधन कर नया बिल पेश किया है.

सरकार का कहना है कि मौजूदा कानून एससी-एसटी, महिलाएं, नाबालिग और दिव्यांगों के धर्मांतरण और सामूहिक धर्मांतरण को रोकने के लिए काफी नहीं है. 

यूपी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून में ऐसे वक्त संशोधन किया है, जब कुछ हफ्तों पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य के कई हिस्सों में एससी-एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बड़े पैमाने पर ईसाई धर्म में बदला जा रहा है.

Advertisement

तब हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर ऐसे धर्मांतरण को रोका नहीं गया तो एक दिन बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी.

अब क्या-क्या बदल जाएगा?

प्रस्तावित बिल में एफआईआर दर्ज करवाने वाले व्यक्ति का दायरा बढ़ाया गया है. मौजूदा कानून के तहत, पीड़ित व्यक्ति के माता-पिता, भाई-बहन या फिर जिस किसी से भी उसका खून का रिश्ता हो, वही एफआईआर दर्ज करवा सकता था. लेकिन प्रस्तावित बिल में 'कोई भी व्यक्ति' जोड़ा गया है. यानी, अब जबरन धर्मांतरण वाले मामले में कोई भी व्यक्ति एफआईआर दर्ज करवा सकता है.

नए बिल में ये भी प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण के इरादे से किसी व्यक्ति को डराता या धमकाता है, किसी महिला से शादी का झूठा वादा करता है, किसी नाबालिग, महिला या फिर व्यक्ति की तस्करी करता है या उसकी संपत्ति पर हमला करता है तो दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की जेल की सजा होगी, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकेगा.

इसके अलावा, नए बिल में विदेशी फंडिंग लेकर धर्मांतरण करवाने पर भी जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. बिल में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी धर्मांतरण के लिए किसी विदेशी या अवैध संस्था से फंडिंग लेता है तो दोषी पाए जाने पर 7 से 14 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

Advertisement

सजा कितनी बदली?

1. धर्मांतरण के मामले में
- पहले क्या थाः 1 से 5 साल की जेल होती थी. जुर्माने की रकम 15 हजार रुपये थी.
- अब क्या होगा: 3 से 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान. जुर्माना बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया.

2. महिला-एससी-एसटी के मामले में
- पहले क्या थाः
नाबालिग, महिला या एससी-एसटी के मामले में 2 से 10 साल की सजा होती थी. 20 हजार रुपये जुर्माना लगता था.
- अब क्या होगाः अब शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्ति को भी इसमें जोड़ा गया है. 5 से 14 साल की जेल की सजा होगी. 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगेगा.

3. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में
- पहले क्या थाः 3 से 10 साल की जेल होती थी और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता था.
- अब क्या होगाः 7 से 14 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. सामूहिक धर्मांतरण के मामले में 1 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा.

कथित लव जिहाद पर कितनी सजा?

अब तक डरा-धमकाकर या बहला-फुसलाकर शादी करने और फिर धर्मांतरण करवाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान था. लेकिन अब अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को डरा-धमकाकर, बहला-फुसलाकर या फिर शादी का वादा कर उसका धर्मांतरण करता है तो दोषी पाए जाने पर कम से कम 20 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस सजा को उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है.

Advertisement

जमानती की शर्तें भी बहुत कठोर

प्रस्तावित बिल के मुताबिक, जुर्माने की रकम पीड़िता के मेडिकल और पुनर्वास पर खर्च किया जाएगा. इसके अलावा अदालत चाहें तो आरोपी पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और लगा सकती हैं, जो पीड़िता को मुआवजे के तौर पर मिलेगा.

इसके अलावा, नए बिल में जमानत की शर्तों को भी कठोर कर दिया गया है. नए बिल में जमानत के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और UAPA जैसी शर्तों को जोड़ा गया है.

नया बिल अगर कानून बनता है तो आरोपी को जमानत के लिए दो शर्तें पूरी करनी होंगी. पहली कि सरकारी वकील को उसकी जमानत का विरोध करने का मौका दिया जाएगा. और दूसरी कि अदालत को ये लगे कि आरोपी इस तरह के अपराध का दोषी नहीं है और जमानत पर रहते हुए वो कोई अपराध नहीं करेगा.

अब आगे क्या?

फिलहाल इस बिल को विधानसभा ने पास कर दिया है. चूंकि, उत्तर प्रदेश में विधान परिषद भी है, इसलिए इस बिल को विधान परिषद में भी पास किया जाना जरूरी है. इसके बाद राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement