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ट्रंप की जीत के बाद अब ये 3 तारीखें अहम, ऐसे तय होगा दुनिया की सबसे ताकतवर कुर्सी का रास्ता

क्या डोनाल्ड ट्रंप ही अमेरिका के राष्ट्रपति होंगे? अभी तक तो यही तय है. रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी जीत का ऐलान कर दिया है. लेकिन अभी तक डेमोक्रेटिक उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी हार नहीं मानी है.

डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो-PTI) डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

पहले माना जा रहा था कि ट्रंप और हैरिस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. शुरुआती रूझानों में ऐसा हुआ भी. मगर कुछ देर बाद ट्रंप की लीड बढ़ती गई. अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल वोट होते हैं और राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है. अभी तक के रूझानों में ट्रंप को 277 इलेक्टोरल वोट मिलते दिख रहे हैं. कमला हैरिस को 224 इलेक्टोरल वोट मिल सकते हैं.

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अमेरिका में चुनाव में जनता सीधे राष्ट्रपति को नहीं चुनती है. 50 राज्यों से 538 इलेक्टर्स चुने जाते हैं. इनसे इलेक्टोरल कॉलेज बनता है. जिस उम्मीदवार को 270 या उससे ज्यादा इलेक्टोरल वोट मिलते हैं, वो राष्ट्रपति बन जाता है.

अभी अमेरिका में वोटों की गिनती पूरी नहीं हुई है. अभी ट्रंप और हैरिस को जो इलेक्टोरल वोट मिले हैं, वो सिर्फ अनुमान है. चुनावी नतीजों की आधिकारिक घोषणा होने में अभी वक्त लग सकता है.

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पर क्यों...?

अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दो ही प्रमुख पार्टियां हैं. हर बार इन्हीं दोनों पार्टियों में से किसी एक का उम्मीदवार ही राष्ट्रपति बनता है.

जब राष्ट्रपति चुनाव होते हैं तो हर पार्टी का उम्मीदवार हर राज्य में अपने प्रतिनिधि चुनता है, जिसे इलेक्टर्स कहा जाता है. राज्य की आबादी के आधार पर इलेक्टर्स की संख्या तय होती है. हर राज्य में उतने ही इलेक्टर्स होते हैं, जितने वहां सीनेट और हाउस के सांसद होते हैं. इन्हीं इलेक्टर्स से बनता है इलेक्टोरल कॉलेज और फिर यही चुनते हैं कि राष्ट्रपति कौन होगा?

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आमतौर पर जो भी इलेक्टर्स होते हैं, वो अपने उम्मीदवार के प्रति वफादार होते हैं. लेकिन कई बार कुछ उम्मीदवार क्रॉस वोटिंग भी कर देते हैं. मसलन, 2016 के चुनाव में 7 ऐसे इलेक्टर्स थे जिन्होंने अपने उम्मीदवार के खिलाफ वोट दिया था. 

अभी कई राज्यों में वोटों की गिनती चल रही है. कई जगहों पर जीत का अंतर भी काफी कम देखने को मिल सकता है. ऐसे में दोबारा गिनती भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में और भी दिन लग सकते हैं. इसके बाद 17 दिसंबर को इलेक्टर्स की बैठक होगी. इसमें ये सभी अपने-अपने उम्मीदवार को वोट करेंगे. आखिर 6 जनवरी को अमेरिकी कांग्रेस यानी सांसदों की बैठक में इलेक्टोरल वोटों की गिनती होगी. फिर आखिर में 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति शपथ लेंगे.

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