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बॉर्डर पर पकड़ाई सोने की बड़ी खेप, जानें- क्या होता है तस्करों के पास मिले करोड़ों की कीमत वाले अवैध गोल्ड का?

इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने भारत-चीन सीमा पर गोल्ड की बड़ी खेप की तस्करी रोकने में कामयाबी पाई. लगभग 108 किलो सोने के साथ दो संदिग्ध भी पकड़ाई में आ चुके. फिलहाल छानबीन चल रही है. आए-दिन कभी जमीनी, तो कभी समुद्री सीमा के करीब भारी मात्रा में गैरकानूनी गोल्ड पकड़ा जाता है, लेकिन फिर ये जाता कहां हैं?

अवैध सोने की खेप लगातार पकड़ाती रहती हैं. (Photo- Reuters) अवैध सोने की खेप लगातार पकड़ाती रहती हैं. (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

कुछ दिनों पहले एक खबर वायरल हुई थी, जिसमें फ्लाइट अटेंडेंट एक किलो सोना अपने शरीर में छिपाकर ला रही थी और कस्टम वालों ने धर लिया. एयरपोर्ट के अलावा ऐसे मामले देश की संवेदनशील सीमाओं पर भी आते रहते हैं. हाल में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) ने 108 किलो सोने के टुकड़ों के साथ दो तस्करों को पकड़ा. ये काफी बड़ी सफलता मानी जा रही है. समझिए, तस्करी या किसी भी तरह से पकड़ाया ये गैरकानूनी गोल्ड कहां जमा होता है? 

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कितनी तरह की होती है तस्करी

देश से लेकर दुनिया में सोना दो तरीकों से स्मगल किया जाता है. एक है- कमर्शियल स्मगलिंग. इसमें इंपोर्ट-एक्सपोर्ट के अलग-अलग तरीके काम में आते हैं. वहीं दूसरी है इनडिविजुअल स्मगलिंग, जिसमें एक या दो लोग आपस में मिलकर कस्टम को धोखा देने की कोशिश करते हैं. कमर्शियल तस्करी को पकड़ना ज्यादा मुश्किल है. इसमें पूरा गिरोह काम करता है, जो एयरपोर्ट या समुद्र में कस्टम जांच को धोखा देता है. एक बार चेक पॉइंट से बाहर निकलने के बाद वे कम ही पकड़ा पाते हैं. अक्सर इनके पास गोल्ड की खेप भी ज्यादा रहती है. 

कहां से आता है सोना

सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तस्करी का ज्यादातर सोना (करीब 75 प्रतिशत) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आता है. इसके अलावा, हमारी पूर्वी सीमाएं बहुत लंबी हैं और ज्यादातर जगहों पर पहरा नहीं होता. इन रास्तों से तस्कर गोल्ड लाने-ले जाने में कामयाब हो जाते हैं. 

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अफ्रीका से भी आ रहा गोल्ड 

कुछ समय से सूडानीज सिंडिकेट भी गोल्ड रैकेट चला रहा है. सूडानी तस्कर इंडिया-नेपाल सीमा से होते हुए या यूएई से उड़ान भरकर आते हैं. साल 2023 में दर्जनभर से ज्यादा सूडानी लोग पटना, पुणे, मुंबई, कोलकाता, कोच्चि और दिल्ली में पकड़ाए. 

सूडान अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है. रूस-यूक्रेन लड़ाई के चलते गोल्ड की कीमतें बढ़ी हुई हैं, इसका फायदा उठाते हुए सूडान में अवैध माइनिंग चल रही है और हर साल सैकड़ों टन गोल्ड स्मगल हो रहा है. इसका बड़ा हिस्सा भारत में भी आ रहा है.

कहां जाता है कब्जे में आया सोना

जब भी ये सोना जब्त होता है, वित्त मंत्रालय की निगरानी में उसकी रिव्यूइंग होती है. तमाम जांच चलती है जिसके बाद सीज किया हुआ गोल्ड लीगल टेंडर बन जाता है. लेकिन इसके पहले पूरी प्रक्रिया होती है. जैसे जहां भी गोल्ड पकड़ाई में आएगा, कस्टम के अधिकारी उसे स्ट्रॉन्ग रूम में भेज देंगे. जब तक जांच चलेगी, सोना स्ट्रॉन्ग रूम में ही रहेगा. जिन लोगों के पास सोना पकड़ाया, वे हिरासत में रहेंगे और पूछताछ चलती रहेगी. 

सोने की छड़ों में बदला जाता है

प्रोसेस पूरा होने के बाद गोल्ड को मोहरबंद करके स्ट्रांगरूम से हटाकर आरबीआई की टकसाल भेजा जाता है. यहां उसे पिघलाकर 999.95 शुद्ध सोने की छड़ों में बदल दिया जाता है. इसके बाद इसकी नीलामी होती है. 

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नीलामी के बाद बंट जाता है

मिड डे की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए सोने की छड़ों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बुलियन शाखा में भेजा जाता है. नीलामी में भी हर कोई शामिल नहीं हो सकता, बल्कि बैंक टेंडर निकालता है, जिसमें सिर्फ रजिस्टर्ड बोली लगाने वाले ही शामिल हो सकते हैं. जो सबसे ज्यादा ऊंची बोली लगाता है, वो पेमेंट करके गोल्ड अपने साथ ले जा सकता है. अपना सर्विस चार्ज काटने के बाद बैंक, बची हुई रकम को कस्टम डिपार्टमेंट को भेज देता है. 

क्या है सोना तस्करी पर सजा

गोल्ड स्मगलिंग करते हुए पकड़े जाने पर बीएनएस के तहत धारा 111 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होता है. ट्रैफिकिंग ऑफ इललीगल गुड्स के अंतर्गत इस धारा में पांच साल से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है, जिसके अलावा न्यूनतम 5 लाख रुपए जुर्माना भरना पड़ सकता है. साथ ही, ऐसे मामलों में दोषी की आजीवन विदेश यात्रा पर भी रोक लग सकती है. 

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