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862 करोड़ में बनकर तैयार हुआ नया संसद भवन, जानिए इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल के बारे में

862 करोड़ रुपये की लागत से नया संसद भवन तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे. तिकोने आकार में बना संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में फैला है. जानते हैं संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल के बारे में.

बिमल पटेल ने नया संसद भवन डिजाइन किया है. (फाइल फोटो) बिमल पटेल ने नया संसद भवन डिजाइन किया है. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:58 PM IST

नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे. लोकसभा सचिवालय ने बताया है कि नया संसद भवन रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है. पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी.

कांग्रेस ने नए संसद भवन को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और इसे 'पर्सनल वैनिटी प्रोजेक्ट' बताया. 

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी नए संसद भवन की फोटो ट्वीट करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा. उन्होंने कहा, 'संसद भवन के एकमात्र आर्किटेक्ट, डिजाइनर और वर्कर 28 मई को इसका उद्घाटन करेंगे.'

— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 18, 2023

नए संसद भवन का कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट ने किया है. लेकिन इस बिल्डिंग को डिजाइन किया है आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने. बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं. वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं.

कौन हैं बिमल पटेल?

बिमल पटेल का जन्म 31 अगस्त 1961 को गुजरात में हुआ था. वो करीब 35 साल से आर्किटेक्चर, अर्बन डिजाइन और अर्बन प्लानिंग से जुड़े काम में लगे हैं.

इसके अलावा पटेल अहमदाबाद स्थित CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट भी हैं. साथ ही वो आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फर्म HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी लीड करते हैं.

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2019 में आर्किटेक्चर और प्लानिंग में असाधारण काम करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

कहां से हुई पढ़ाई?

बिमल पटेल ने अहमदाबाद सेंट जेवियर हाई स्कूल से पढ़ाई की है. उन्होंने सेंटर फॉर एन्वायर्मेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से आर्किटेक्ट की पढ़ाई की. 

1984 में CEPT से आर्किटेक्चर में अपनी पहली प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के बाद पटेल बर्कले चले गए. वहां उन्होंने कॉलेज ऑफ एन्वायर्मेंटल डिजाइन से पढ़ाई की. 1995 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की.

ऐसा रहा करियर

1990 में बिमल पटेल ने अपने पिता के साथ काम शुरू किया. उन्होंने सबसे पहले अहमदाबाद में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट को डिजाइन किया. इसके लिए 1992 में उन्होंने आगा खान अवॉर्ड फॉर आर्किटेक्चर से सम्मानित किया गया.

इसके बाद उन्होंने घऱ, इंस्टीट्यूशन, इंडस्ट्रियल बिल्डिंग्स और अर्बन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर काम किया. कंकारिया लेक डेवलपमेंट और साबरमती रिवरफ्रंट जैसे अर्बन डिजाइन प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह की पहले प्रोजेक्ट हैं.

अपने काम के लिए उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. 1992 में आगा खान अवॉर्ड फॉर आर्किटेक्चर, 1998 में संयुक्त राष्ट्र के अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस, 2001 में वर्ल्ड आर्किटेक्चर अवॉर्ड और 2006 में पीएम नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन अर्बन प्लानिंग एंड डिजाइन से सम्मानित किया जा चुका है.

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कौन-कौन से प्रोजेक्ट को आर्किटेक्ट किया?

- संसद भवन और सेंट्रल विस्टा, नई दिल्ली
- विश्वनाथ धाम, काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
- मंत्रियों के ब्लॉक और सचिवालय, गुजरात
- आगा खान अकादमी, हैदराबाद
- पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, गुजरात
- साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट
- टाटा सीजीपीएल टाउनशिप, मुंद्रा, गुजरात
- आईआईएम अहमदाबाद का नया कैम्पस, अहमदाबाद
- सीजी रोड का रिडेवपलमेंट, अहमदाबाद
- गुजरात हाईकोर्ट की बिल्डिंग, अहमदाबाद
- एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद

कैसा होगा नया संसद भवन?

तिकोने आकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है. ये पूरा कैम्पस 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसकी लागत 862 करोड़ रुपये है.

नए भवन में एक संविधान हॉल भी होगा, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया जाएगा.

इसके अलावा, इस संसद में संसद सदस्यों के लिए लाउंज, कई सारे कमेटी रूम, डायनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा.

संसद भवन के तीन मेन गेट- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार होंगे. वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी.

नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है. अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे. 

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मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. मौजूदा संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था. 

 

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