उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेप मामले में पूर्व सपा नेता नवाब सिंह का डीएनए पीड़िता से मैच होने की खबर आई है, और फोरेंसिक रिपोर्ट में बलात्कार होने की पुष्टि भी की गई है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हवाले से एक चौंकाने वाला बयान खूब शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट के अनुसार, अखिलेश यादव ने कहा है कि ज्यादातर मुसलमान कम पढ़े लिखे होते हैं और इसी वजह से नासमझी में वे बलात्कार कर देते हैं.
पोस्ट में अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ लिखा है, “बहुत ही भयानक मजाक जय श्री राम, आज का सबसे बड़ा मजाक ! ज्यादातर मुसलमान कम पढ़े लिखे होते हैं। नासमझी के कारण वे बलात्कार जैसी गलती कर देते हैं। वह कोई अपराध नहीं है। समस्त हिंदू भाई बहनों तक के संदेश को पहुंचाइये.”
एक फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “अगर तेरे घर की मां बहन बेटी पत्नी का भी अगर रेप हो जाये **** द्वारा .....तो भी तू यही कहेगा क्या रे... नमाजवादी टोंटीकट्टू खैर खून का असर.” अखिलेश यादव का बताते हुए ये बयान एक्स पर भी शेयर किया जा रहा है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ये बयान फर्जी है. उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
कैसे पता चली सच्चाई?
कीवर्ड सर्च करने पर हमें अखिलेश यादव, मुसलमानों और बलात्कार से जुड़ा ऐसा कोई बयान किसी मीडिया रिपोर्ट में नहीं मिला. अगर उन्होंने ऐसा कोई बयान वाकई दिया होता, तो इसे लेकर खबरें जरूर छपी होतीं और बवाल खड़ा हो जाता.
इसके बाद हमने बलात्कार के अलग-अलग मामलों पर दिए गए अखिलेश यादव के बयानों को देखा. आईआईटी बीएचयू में 1 नवंबर को हुए गैंगरेप के तीन आरोपियों में से दो को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को जमानत दे दी है. ये आरोपी बीजेपी आईटी सेल से जुड़े थे. अखिलेश यादव ने इनकी जमानत की निंदा करते हुए कहा कि “ये देश की बेटियों का मनोबल गिराने की शर्मनाक बात है कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गये बल्कि ऐसी भी खबरें हैं कि भाजपाई परम्परानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है. भाजपा इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी?”
वहीं, मीडिया खबरों के अनुसार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले पर बयान देते हुए अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी का बचाव किया था.
हालांकि, बलात्कार के अलग-अलग मामलों पर दिए गए बयानों में अखिलेश ने मुसलमान समुदाय से आने वाले आरोपियों को कम पढ़ा-लिखा या नासमझ बता कर सही नहीं ठहराया है.
मुलायम सिंह यादव के महिला विरोधी बयान
अखिलेश यादव के पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कई बार ऐसे बयान दिए हैं जिन्हें महिला विरोधी कहा गया. 2014 में मुलायम सिंह यादव ने रेप के मामलों में फांसी की सजा का विरोध करते हुए कह दिया था कि लड़कों से गलती हो जाती है. वहीं, 2015 में एक भाषण के दौरान मुलायम सिंह ने कहा था कि एक महिला के साथ चार लोग कैसे बलात्कार कर सकते हैं, ये व्यावहारिक नहीं है.
हमारी पड़ताल से साफ है कि अखिलेश यादव ने बलात्कार करने वाले मुसलमानों का समर्थन करने वाला ये बयान नहीं दिया है.