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फैक्ट चेक: अयोध्या के राम मंदिर में दलितों और पिछड़ी जाति वालों के प्रवेश पर नहीं लगी है रोक

सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि राम मंदिर में शूद्र, एससी, एसटी और ओबीसी जाति के लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
हिंदू युवा वाहिनी, उत्तर प्रदेश ने एक बयान जारी किया है कि अयोध्या के राम मंदिर में शूद्रों, एससी, एसटी और ओबीसी का आना मना होगा.
सच्चाई
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रवक्ता ने इस बात को पूरी तरह गलत बताया है. हिंदू युवा वाहिनी संस्था ने भी ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी कोशिश की जा रही है कि दिसंबर 2023 तक कम से कम ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा कर लिया जाए और भक्तों को रामलला के दर्शन शुरू करवा दिए जाएं.

इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि राम मंदिर में शूद्र, एससी, एसटी और ओबीसी जाति के लोगों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.

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दरअसल ये बात एक पोस्टकार्ड पर ‘हिंदू युवा वाहिनी’, उत्तर प्रदेश के हवाले से लिखी हुई है. काफी सारे लोग मान रहे हैं कि राम मंदिर में शूद्रों, एससी, एसटी और ओबीसी जाति के लोगों का प्रवेश मना होने का ये बयान ‘हिंदू युवा वाहिनी’ संस्था ने जारी किया है. एक फेसबुक यूजर ने ये पोस्टकार्ड शेयर करते हुए लिखा, “इसका मतलब SC ST OBC हिन्दू नहीं”.

इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि राम मंदिर में एससी, एसटी ओबीसी और शूद्रों को प्रवेश करने की अनुमति न होने की बात पूरी तरह गलत है.

‘हिंदू युवा वाहिनी’ ने भी ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है. संस्था के प्रवक्ता शशांक  शुक्ला ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

हमने वायरल पोस्टकार्ड ‘श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट’ के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को भेजा. उन्होंने हमें बताया कि ये सिर्फ एक अफवाह है. राम मंदिर के दरवाजे सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुले हैं. 

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हमें ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली जिसमें लिखा हो कि राम मंदिर में एससी, एसटी, ओबीसी  और शूद्र जाति के लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.

चूंकि ये बात ‘हिंदू युवा वाहिनी’, उत्तर प्रदेश के हवाले से कही जा रही है, लिहाजा हमने इस संस्था के एक प्रवक्ता शशांक शुक्ला से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि ‘हिंदू युवा वाहिनी’ ने कभी इस तरह का कोई बयान जारी नहीं किया. जो लोग सस्था के नाम पर ये बयान वायरल कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

राम जन्मभूमि शिलान्यास में पहली ईंट कामेश्वर चौपाल नाम के एक दलित व्यक्ति ने रखी थी. साफ है, अयोध्या के राम मंदिर में दलितों, एससी, एसटी, ओबीसी और शूद्रों का प्रवेश वर्जित किए जाने की कोई घोषणा नहीं की गई है.

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