बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण की परीक्षा का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने को लेकर पिछले एक महीने से राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जनवरी में आश्वासन दिया था कि जल्द ही सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी होगा. लेकिन ऐसा नहीं होने पर छात्र अब सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं.
ऐसा ही एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें एक स्टांप पेपर के जरिए दावा किया गया है कि एक अभ्यर्थी ने रिजल्ट न जारी होने पर चुनाव के दौरान पूरे परिवार सहित नोटा का बटन दबाने की शपथ ली है. देखने से पता चलता है कि ये गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर बिहार में जारी किया गया है. इसमें हस्ताक्षरकर्ता की जगह किसी विकाश कुमार का नाम लिखा हुआ है. ऊपर किसी शख्स की पासपोर्ट साइज फोटो भी लगी हुई है.
इस कथित स्टाम्प पेपर को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा 'BPSC TRE में SUPPLEMENTARY RESULT ना देने पर, वर्तमान सरकार को वोट ना करने का शपथ लेता हुआ अभ्यर्थी.'
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल स्टांप पेपर एडिटिंग के जरिए बनाया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हर स्टांप पेपर पर विशेष सीरियल नंबर होना अनिवार्य है. हालांकि, वायरल फोटो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि इस स्टाम्प पेपर पर सीरियल नंबर नहीं लिखा हुआ है जैसा कि सभी स्टाम्प पेपर पर होता है.
इसके बाद, स्टाम्प पेपर पर लगी तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें जाने-माने यूट्यूबर वसीम अहमद के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर मिली. उन्होंने वहां इसे अपनी पासपोर्ट साइज फोटो बताया है. गौर करने वाली बात ये है कि स्टांप पेपर पर लगाई गई फोटो पर भी नोटरी का स्टाम्प लगाया जाता है, जो कि इसमें नहीं है.
नीचे जो कथित अभ्यर्थी का हस्ताक्षर है, उसे नोटरी की ओर से अटेस्ट नहीं किया गया है. थोड़ा और ध्यान से देखने पर हमने पाया कि हस्ताक्षर वाले हिस्से को अलग से जोड़ा गया है. जूम करने पर हमें अभ्यर्थी के हस्ताक्षर के ऊपर एक रेखा दिखाई दी, जैसे इसे कहीं और से क्रॉप कर के यहां जोड़ा गया है.
सिर्फ इतना ही नहीं, ध्यान से देखने पर हमें नोटरी स्टाम्प पर कुछ आड़े-टेढ़े प्रिंटेड हिन्दी के अक्षर भी दिखाई दिए.
वायरल हो रहा स्टाम्प पेपर हमें ‘Educators of Bihar’ नाम के ट्विटर अकाउंट के एक पोस्ट से लिया गया है. इसमें भी वही नोटरी स्टाम्प लगा हुआ है जो वायरल कथित स्टाम्प पेपर में दिखाई देता है. इस स्टाम्प पेपर पर लिखे सारे टेक्स्ट को एडिटिंग के जरिए मिटा कर मतदान के बहिष्कार वाली बात लिखी गई है. इतना तो यहीं साफ हो जाता है कि वायरल हो रहे स्टाम्प पेपर को एडिटिंग की मदद से बनाया गया है.
पुख्ता तौर पर इसे साबित करने के लिए हमने फोटो फोरेंसिक्स नाम के ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल किया. इस टूल की मदद से हमने वायरल फोटो का एरर लेवल एनालिसिस (ELA) किया. इस विश्लेषण में हमें कथित स्टाम्प पेपर पर एडिटिंग के संकेत मिले. इसमें लिखा हुआ टेक्स्ट अलग से सफेद रंग से हाइलाइटेड नजर आया. इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि टेक्स्ट को स्टाम्प पेपर पर अलग से एडिटिंग के जरिए जोड़ा गया है.
सही नोटराइज्ड स्टाम्प पेपर कुछ ऐसा दिखाई देता है. इसमें सीरियल नंबर, फोटो और हस्ताक्षर पर क्रॉस अटेस्टेशन आदि को देखा जा सकता है.