Advertisement

फैक्ट चेक: पुलिस पर पथराव का अहमदाबाद का वीडियो दिल्ली का बताकर किया वायरल

क्या दिल्ली में हुए दंगे के दौरान कोई ऐसा वाकया भी हुआ, जिसमें पुलिस को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा? सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिस की गाड़ियां तेज रफ्तार में भीड़ के बीच से भागती दिख रही हैं. पुलिस की गाड़ियों पर भीड़ जमकर पथराव कर रही है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर दिल्ली का बताकर वायरल किया जा रहा है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
पुलिस के पिटने का वायरल वीडियो दिल्ली का है.
सच्चाई
पुलिस के पिटने का वीडियो अहमदाबाद का है और तीन महीने पुराना है.
विद्या/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 27 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:14 PM IST

क्या दिल्ली में हुए दंगे के दौरान कोई ऐसा वाकया भी हुआ, जिसमें पुलिस को भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा? सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिस की गाड़ियां तेज रफ्तार में भीड़ के बीच से भागती दिख रही हैं. पुलिस की गाड़ियों पर भीड़ जमकर पथराव कर रही है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर दिल्ली का बताकर वायरल किया जा रहा है.

Advertisement

क्या है दावा

फेसबुक यूजर Nayak Mahesh Chauhan ने 26 फरवरी को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा, “अगर मीडिया नहीं दिखायगा तो हमे ही पूरे भारत को यह दिखाना होगा दिल्ली”. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक पेज ‘Modi Nama ’ ने 25 फरवरी को यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अगर मीडिया नही दिखायगा तो हमे ही पूरे भारत को यह दिखाना होगा”. इस वीडियो के साथ पोस्ट में कहीं भी दिल्ली का जिक्र नहीं है लेकिन इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे दिल्ली का समझकर कमेंट किया है.

इस पोस्ट पर लोगों ने ‘अब दिल्ली बना कश्मीर’ जैसे कमेंट लिखे हैं. स्टोरी के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 10,000 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

Advertisement

ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ ये वीडियो 27 फरवरी को पोस्ट किया गया है.

क्या है सच्चाई

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि ये वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि अहमदाबाद का है. पिछले साल दिसंबर में संविधान संशोधन अधिनियम के विरोध प्रदर्शन के समय ऐसा हुआ था. उस मामले में एक कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी भी हुई थी.

वीडियो अहमदाबाद का

वायरल वीडियो में सड़क किनारे कई सारे दुकानों के साइन बोर्ड गुजराती में दिख रहे हैं. वीडियो में एक दवाई की दुकान है जिसपर गुजराती में 'દવાઓ' यानी दवाई की दुकान और उसके बगल में 'નોવેલટી સીલેકશન' लिखा हुआ है. इन दुकानों से अलग थोड़ी दूर पर एक दुकान पर अंग्रेज़ी में 'फेमस चिकन सप्लायर्स’ भी लिखा हुआ है.

इस वीडियो के कुछ फ्रेम्स लेकर रिवर्स सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर यही वीडियो मिला जिसे दिसंबर में अपलोड किया गया था. वीडियो के साथ बताया गया है कि ये अहमदाबाद की घटना है. अब इससे ये तो साफ हो गया कि ये दिल्ली नहीं गुजरात के अहमदाबाद की घटना है जो दिसंबर में हुई थी.

इसके अलावा, हमें इंटरनेट सर्च करने पर कुछ न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें वही दुकानें, सड़क और पुलिस की गाड़ियां दिख रही हैं जो वायरल वीडियो में मौजूद हैं.

Advertisement

इस रिपोर्ट के मुताबिक 19 दिसंबर को अहमदाबाद के शाह-ए-आलम सड़क पर संविधान संशोधन अधिनियम के विरोध प्रदर्शन के दौरान ये झड़प हुई थी. 19 पुलिस अधिकारी घायल हुए थे और इस मामले में इलाके के कांग्रेस पार्षद सहित कई लोग गिरफ्तार हुए थे.

निष्कर्ष

पड़ताल से जाहिर है कि वायरल वीडियो तीन महीने पुराना है और इसका दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से कोई लेना देना नहीं है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement