हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दिल्ली स्थित घर पर 21 सितंबर को हुई तोड़फोड़ के मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ये लोग हिंदू सेना के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं.
अपने घर पर हुए हमले को लेकर ओवैसी ने ट्विटर के जरिये पीएम मोदी से सवाल किया किया, “प्रधानमंत्री, जो दुनिया को कट्टरपंथ से लड़ने की सीख देते रहते हैं, क्या वो बताएंगे कि मेरे घर पर हमला करने वाले गुंडों को किसने कट्टरपंथी बनाया?”
इस बीच ओवैसी की पार्टी AIMIM ( ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है, “हां, मैं कट्टर हूं-@asadowaisi”
एक ट्विटर यूजर ने इस स्क्रीनशॉट को कठुआ गैंगरेप पीड़िता की वकील रह चुकीं दीपिका सिंह राजावात के एक ट्वीट के साथ शेयर किया, जिसमें लिखा है, “जो कट्टर है उसका अंत है.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल ट्वीट अधूरा है. साल 2019 में किए गए असली ट्वीट में एक वीडियो भी दिख रहा है, जिसमें ओवैसी कह रहे हैं, कि वो संविधान में दिए गए अपने अधिकारों को लेकर कट्टर हैं, न कि मजहब को लेकर.
क्या है सच्चाई
ट्विटर एडवांस्ड सर्च की मदद से हमें AIMIM के आधिकारिक हैंडल से किया गया वो ट्वीट मिल गया, जिसमें कैप्शन लिखा है, “हां, मैं कट्टर हूं- @asadowaisi”. ये ट्वीट 16 नवंबर 2019 को किया गया था. इसमें ‘टीवी नाइन भारतवर्ष’ न्यूज चैनल के एक इंटरव्यू का वीडियो भी है जिसमें ओवैसी कह रहे हैं, “बिल्कुल कट्टर हूं मैं, इतना कट्टर हूं कि दुनिया का सबसे बड़ा कट्टर हूं. किस मामले में कट्टर हूं? कॉन्स्टीट्यूशन के ऊपर कट्टर हूं मैं. मेरी लड़ाई संविधान की है. मैं ये कह रहा हूं कि अगर संविधान में ये है तो वो मुझे मिलना चाहिए. पर आप लोगों का प्रॉब्लम क्या है कि चेहरे पे दाढ़ी, सर पे टोपी, जिस्म पे शेरवानी, तो ये मजहबी कट्टर हो गया.”
साफ है कि ओवैसी ने संविधान के अधिकारों को लेकर कट्टर होने की बात कही थी, लेकिन वायरल स्क्रीनशॉट में वीडियो वाला हिस्सा बड़ी होशियारी से हटा दिया गया क्योंकि उसमें ओवैसी का पूरा बयान था.
वायरल स्क्रीनशॉट में तारीख वाला हिस्सा भी क्रॉप कर दिया गया है ताकि ये न पता लग पाए कि ओवैसी ने ये बयान कब दिया था. ट्वीट में तारीख न दिखने की वजह से ही बहुत सारे लोग इसे हाल-फिलहाल का समझ बैठे.
AIMIM के ट्वीट का अधूरा स्क्रीनशॉट जानबूझकर दीपिका सिंह राजावत के “जो कट्टर है उसका अंत है.” वाले ट्वीट के साथ शेयर किया जा रहा है ताकि ऐसा लगे कि दीपिका ने ओवैसी को जवाब दिया है. जहां AIMIM वाला ट्वीट 16 नवंबर 2019 का है, वहीं दीपिका का ट्वीट 21 सितंबर 2021 का है. ये असंभव तो नहीं पर इसकी संभावना कम ही है कि दीपिका बिना संदर्भ बताए 2019 में किए गए किसी ट्वीट का जवाब 2021 में देंगी.
हमने वायरल स्क्रीनशॉट असदुद्दीन ओवैसी को भी भेजा. उन्होंने ‘आज तक’ को बताया कि ये AIMIM के 2019 के एक ट्वीट का अधूरा हिस्सा है. कट्टरपंथ को लेकर उन्होंने अपनी राय बताई, “मैं धार्मिक कट्टरता का समर्थन नहीं करता. अपने समुदाय के युवाओं को हमेशा हिंसा की जगह शिक्षा अपनाने को कहता हूं. मैंने हमेशा आईएसआईएस जैसे कट्टरपंथी संगठनों का विरोध किया है.”
पड़ताल से साफ हो जाता है कि असदुद्दीन ओवैसी के दो साल पुराने बयान को अधूरे संदर्भ के साथ पेश किया जा रहा है.