सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी भीड़ पर डंडे बरसाते दिख रहे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर के बाहर धरना दे रहे बेरोजगार युवकों की डंडों से पिटाई की. वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस एक कैंपस में युवकों पर लाठी चार्ज कर उन्हें भगा रही है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है - "भोपाल मुख्यमंत्री कमल नाथ निवास के बाहर धरना दे रहे बेरोजगार युवकों को मिली सौगात !!!
आज सुबह सभी बेरोजगार युवकों को नौकरी का ज्वाइन लेटर पुलिस द्वारा हाथों हाथ दिया गया."
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. यह वीडियो एक साल पुराना है और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है.
वीडियो को गलत दावे के साथ फेसबुक पर खूब शेयर किया जा रहा है.
वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की जांच करने के लिए हमने इस घटना के बारे में इंटरनेट पर खोजना शुरू किया. हमने पाया कि यह घटना पिछले साल जून में अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के ऑफिस के बाहर हुई थी. वीडियो में दिख रहे लोग हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता थे जो एक आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर SSP ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारी ऑफिस के मुख्यगेट को बंद कर नारेबाजी कर रहे थे जिससे सरकारी कामकाज में परेशानी हो रही थी. जब पुलिस के समझाने पर कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. इस मामले को मीडिया में भी प्रमुखता से कवर किया गया था.
ऐसा नहीं है कि ये वीडियो गलत दावे के साथ पहली बार वायरल हुआ हो. पिछले साल भी इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास का बताकर शेयर किया गया था. उस समय ऑल्ट न्यूज ने इस भ्रामक पोस्ट को खारिज किया था.