Advertisement

फैक्ट चेक: अमर्त्य सेन ने नहीं कहा, पबजी पर रोक अर्थव्यवस्था को ले डूबेगी

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा भ्रामक है. अमर्त्य सेन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. दावे में कहा जा रहा है कि पबजी पर रोक लगाने से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा- अमर्त्य सेन...अमर्त्य किस देश की बात कर रहे हैं?

आजतक फैक्ट चेक

दावा
नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि पबजी गेम पर रोक लगाने से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी.
सच्चाई
अमर्त्य सेन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. हमें कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें अर्मत्य सेन के ऐसे किसी बयान का जिक्र हो.
फैक्ट चेक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में धर्मनिरपेक्षता खतरे में है. इससे पहले भी वह भाजपा सरकार की नीतियों पर कई बार सवाल उठा चुके हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमर्त्य सेन ने भारत सरकार के पबजी मोबाइल गेम पर रोक लगाने के फैसले को देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह बताया है.

Advertisement

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी अमर्त्य सेन के इस बयान पर आधारित एक मीम के जरिये उन पर तंज कसा.

ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा भ्रामक है. अमर्त्य सेन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. दावे में कहा जा रहा है, “पबजी पर रोक लगाने से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा- अमर्त्य सेन...अमर्त्य किस देश की बात कर रहे हैं? चीन की, जिसे 14 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ?”

यह दावा फेसबुक पर काफी वायरल है. खबर लिखे जाने तक ऐसी ही एक फेसबुक पोस्ट पर तकरीबन 2000 लोग रीएक्शन दे चुके थे.

भारत न्यूज नाम की एक बांग्ला वेबसाइट में हमें इस दावे पर आधारित एक रिपोर्ट मिली, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया. रिपोर्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

Advertisement

दावे की पड़ताल

इस मामले की हकीकत का पता लगाने के लिए हमने कीवर्ड सर्च के जरिये यह खोजा कि क्या अमर्त्य सेन ने पबजी गेम को लेकर ऐसा कोई बयान दिया है. हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें उनके हवाले से इस तरह की बात कही गई हो. अगर उनके जैसा नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री इतना बड़ा बयान देगा, तो जाहिर है, उस पर देश-विदेश के मीडिया में चर्चा जरूर होगी. लेकिन हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली.

चीन के नुकसान के दावे में कितनी है सच्चाई

यह सच है कि भारत में पबजी मोबाइल गेम पर रोक लगने के बाद चीनी कंपनी टेंसेंट के शेयर तकरीबन दो प्रतिशत गिरे थे. कुछ वेबसाइट्स के मुताबिक, इस कंपनी को तकरीबन 14 बिलियन डॉलर का नुकसान भी हुआ था. टेंसेंट वो कंपनी है जो भारत में पबजी मोबाइल गेम का डिस्ट्रिब्यूशन देख रही थी.

इससे पहले भी एक बार अमर्त्य सेन से जुड़ा एक फर्जी दावा वायरल हुआ था. दावे में उनके हवाले से कहा जा रहा था कि मोदी का शपथ ग्रहण समारोह देखने से बेहतर वह कार्टून देखना पसंद करेंगे. तब भी इंडिया टुडे ने इसकी सच्चाई बताई थी.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement