केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को तेलंगाना के सिद्दीपेट में भाजपा उम्मीदवार एम रघुनंदन राव के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया. इस चुनावी रैली में उन्होंने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और राज्य की आरक्षण नीति पर भी सवाल उठाए.
इसी बीच, अमित शाह के किसी भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो कथित तौर पर कहते सुनाई देते हैं कि, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो गैर-संवैधानिक एससी, एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को हम समाप्त कर देंगे.”
इस वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “केन्द्र में एक बार और BJP की सरकार बनी तो ये गैर संवैधानिक SC, ST & OBC के आरक्षण को हम समाप्त कर देंगे:- गृह मंत्री "अमित शाह." ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. असली वीडियो तेलंगाना की एक पुरानी रैली का है जब अमित शाह ने ऐलान किया था कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो वहां मुसलमानों के लिए आरक्षण को खत्म कर दिया जाएगा.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें ‘एनडीटीवी” के यूट्यूब चैनल पर 24 अप्रैल, 2023 को पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला. यहां इसके साथ कैप्शन में लिखा है, “अमित शाह ने तेलंगाना में मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने का संकल्प लिया.” साथ ही, नीचे जानकारी दी गई है कि, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद के पास चेवेल्ला में रैली को संबोधित करते हुए धर्म-आधारित आरक्षण की आलोचना करते हुए इसे "असंवैधानिक" बताया. उन्होंने कसम खाई कि अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाती है तो तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा.”
इस वीडियो में स्टेज का डिजाइन और पोडियम का रंग वायरल वीडियो से मिलता-जुलता है. दोनों में अमित शाह ने गले में एक ही रंग और डिजाइन का कपड़ा पहना हुआ है.”
एक साल पहले हुई इस रैली का वीडियो हमें अमित शाह के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मिला, जिसे वहां 23 अप्रैल, 2023 को पोस्ट किया गया था. वायरल वीडियो वाला भाग14 मिनट, 30 सेकंड पर देखा जा सकता है, इसमें भी वो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का नहीं, बल्कि राज्य में मुस्लिमों को दिए जाने वाले चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने की बात कर रहे हैं. वायरल दावे के उलट, उन्होंने यहां आरक्षण को खत्म कर इसका लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को देने की बात कही थी.
इस भाषण के जिस हिस्से में शाह, "गैर-संवैधानिक मुस्लिम आरक्षण" कहते हैं, वहां से "मुस्लिम" शब्द की जगह वीडियो के वो हिस्से लगा दिए गए हैं जहां शाह "एससी, एसटी और ओबीसी" बोलते हैं.
गौर करने वाली बात ये है कि 25 अप्रैल को तेलंगाना के सिद्दीपेट में हुई भाजपा की रैली में भी उन्होंने मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने का ऐलान किया.
राज्य में मुस्लिम आबादी को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत शिक्षा और रोजगार में चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है. हालांकि, यह आरक्षण, ओबीसी के मौजूदा कोटे में कटौती न कर के, इसे बीसी-ई नाम की ओबीसी की एक अलग श्रेणी के तहत दिया जाता है. साफ है, अमित शाह के एक पुराने वीडियो से छेड़छाड़ कर और उसे सोशल मीडिया पर पर पोस्ट कर के लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.