सोशल मीडिया पर दुग्ध उत्पादक समिति अमूल को लेकर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रही है. पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अमूल दूध के मालिक आनंद सेठ ने गौमांस खाने वाले 1.38 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. दावे को सच मानते हुए लोग आनंद सेठ का धन्यवाद कर रहे हैं. ट्विटर और फेसबुक पर इस पोस्ट को हजारों यूजर्स शेयर कर चुके हैं.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा ये दावा पूरी तरह झूठ है. अमूल ने इस तरह से अपने कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला है.
इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इंटरनेट पर पड़ताल की. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें ये बताया गया हो कि अमूल ने गौमांस खाने वाले 1.38 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. अमूल देश का नामचीन दुग्ध संघ है. अगर अमूल की तरफ से इस तरह का फैसला लिया गया होता तो ये खबरों में जरूर होता और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही होती.
इस बारे में हमारी बात अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी से भी हुई. सोढ़ी ने भी दावे का खंडन करते हुए कहा कि अमूल ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है. आरएस सोढ़ी के मुताबिक अमूल के पास 1.38 लाख कर्मचारी है ही नहीं तो इन्हें निकालने की बात कहां से आई.
सोढ़ी ने हमें बताया कि अमूल एक सहकारी समिति है जिसका कोई मालिक नहीं. अमूल के मालिक उससे जुड़े लाखों किसान हैं जो उसे दूध सप्लाई करते हैं. इससे ये दावा भी खारिज हो जाता है कि अमूल का मालिक कोई आनंद सेठ है. सोढ़ी का कहना था कि अमूल जाति-धर्म से जुड़ा कोई भेदभाव नहीं करती. दावे में जो भी बात कही गई है वो मनगढ़ंत हैं.
इससे पहले भी अमूल को लेकर फर्जी दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं. कुछ समय पहले दावा किया गया था कि अमूल की पिस्ता मलाई कुल्फी में सूअर की चर्बी मिलाई जाती है. आज तक की पड़ताल में ये दावा भी झूठा निकला था.