Advertisement

फैक्ट चेक: शरद पवार के सामने मुस्लिम समुदाय से की गई वोट देने की अपील? पुराना वीडियो एडिट कर के फैलाया जा रहा भ्रम

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. ये मार्च 2024 का वीडियो है जब शरद पवार मुंबई की एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. इसमें एडिटिंग के जरिये 'मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' के सदस्य सज्जाद नोमानी का ऑडियो जोड़ा गया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
एनसीपी चीफ शरद पवार की मौजूदगी में समुदाय विशेष के लोगों से महाराष्ट्र चुनाव में ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट देने की अपील की गई.
सच्चाई
ये मार्च 2024 का वीडियो है जब शरद पवार मुंबई की एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. इसमें एडिटिंग के जरिये मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी का ऑडियो जोड़ा गया है.
सत्यम तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान को अब एक महीने से भी कम समय बचा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एनसीपी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार का एक वीडियो वायरल हो गया है. इसमें शरद पवार किसी कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर टोपी लगाए बैठे दिख रहे हैं. वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने की अपील की जा रही है.

Advertisement

इसमें कोई व्यक्ति कहता है, “इलेक्शन के दिन में आप सब अपनी जमातें बना लीजिए, एक-एक वोटर मर्द और औरत को इज्जत के साथ ले जाकर वोट डलवाइए, इंशाल्लाह करेंगे!” इसके बाद भीड़ में कुछ लोग “इंशाल्लाह” कहते हैं. फिर वो व्यक्ति कहता है, “इस इलेक्शन के नतीजे अगर गलत निकल आए तो क्या होगा, आप समझ भी नहीं सकते. जुल्म की नदियां बहेंगी, कत्लेआम होगा, जेल छोटे पड़ जाएंगे और अल्लाह जाने क्या-क्या होगा.”

कई एक्स और फेसबुक यूजर्स इस वीडियो को आगामी महाराष्ट्र चुनाव के संदर्भ में पेश करते हुए लिख रहे हैं, “विशेष समुदाय ने कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना (उबाठा) को जिताने की जबरदस्त तैयारी शुरू की है यह कहा जा रहा है कि किसी भी पार्टी का घोषणा पत्र मत देखो चाहे उद्धव ठाकरे का उम्मीदवार कांग्रेस का उम्मीदवार शरद पवार का उम्मीदवार एकदम नालायक हो नकारा हो कोई काम ना करता हो फिर भी हमें बीजेपी के खिलाफ इन्हें ही जिताना है, अगर इस विधान सभा इलेक्शन में सभी हिंदुओं ने बीजेपी, शिंदे सेना का साथ नहीं दिया तो आगे के परिणामो कों जिम्मेदार आप ही होंगे.”  

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. ये मार्च 2024 का वीडियो है जब शरद पवार मुंबई की एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. इसमें एडिटिंग के जरिये 'मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' के सदस्य सज्जाद नोमानी का ऑडियो जोड़ा गया है.

कैसे पता चली सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें आम आदमी पार्टी की मुंबई इकाई के 30 मार्च, 2024 के एक ट्वीट में मिला. इसमें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती कई तस्वीरें देखी जा सकती हैं. ट्वीट में दी गई जानकारी के अनुसार ये एक इफ्तार पार्टी थी, जिसका आयोजन एनसीपी (शरद पवार) ने किया था. इस पार्टी में आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हुए थे. इतनी बात तो यहीं पर साबित हो जाती है कि ये वीडियो अभी का नहीं बल्कि करीब 6 महीने पुराना है.

इस बारे में थोड़ी और खोजबीन करने पर हमें 'The Leader Hindi' नाम के यूट्यूब चैनल पर इस इफ्तार पार्टी का वीडियो मिला. 31 मार्च को अपलोड किए गए इस वीडियो में शरद पवार और अन्य नेताओं को भाषण देते हुए देखा जा सकता है. इसमें वायरल वीडियो वाला ऑडियो कहीं सुनाई नहीं देता. इसमें सिर्फ नेताओं का भाषण सुनाई देता है जिसमें समुदाय विशेष से वोट डालने की अपील करने जैसी कोई बात नहीं कही गई है.

Advertisement

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में कही जा रही बात के बारे में कीवर्ड सर्च किया. हमें पता चला कि ये ऑडियो, खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी नमक इस्लामिक स्कॉलर के वीडियो से लिया गया है. नोमानी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं. हमें सज्जाद नोमानी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उनका ये पूरा भाषण भी मिल गया. ये भाषण रमजान 2024 के 17वें दिन यानी 28 मार्च, 2024 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो में वायरल वीडियो वाली बात 1:12:20 के मार्क पर सुनी जा सकती है. इसमें सज्जाद नोमानी मुस्लिम समुदाय के लोगों से, ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोकसभा चुनाव 2024 में वोट देने की अपील कर रहे थे.

  

साफ है, शरद पवार के इफ्तार पार्टी के वीडियो में सज्जाद नोमानी का ऑडियो एडिटिंग के जरिये जोड़ दिया गया है.

द लल्लनटॉप ने अपनी फैक्ट चेक स्टोरी में आम आदमी पार्टी मुंबई के अध्यक्ष रूबीन मसकारेंस के हवाले से बताया है कि इफ्तार पार्टी में इस तरह की कोई अपील नहीं की गई थी. हमने भी रूबीन मसकारेंस से संपर्क किया. आजतक से बातचीत में रुबीन ने बताया कि वीडियो को एडिट करके उसमें ऑडियो जोड़ा गया है. उन्होंने ये भी कहा कि उस वक्त आचार संहिता लागू थी और उस कार्यक्रम में चुनाव आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे, इसलिए ऐसी राजनीतिक बात वहां की ही नहीं जा सकती थी.

Advertisement

साफ है, शरद पवार के 6 महीने पुराने वीडियो को एडिट करके उसे आगामी महाराष्ट्र चुनाव के संदर्भ में पेश किया जा रहा है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement