सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स की ओर से यह फैलाया जा रहा है कि 500 भिखारियों का एक खतरनाक गैंग सक्रिय है, जिसके सदस्य लोगों का कलेजा और गुर्दा निकाल लेते हैं. ऐसा कहने वाले एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. इसमें गोरखपुर के पूर्व एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ कथित तौर पर ये कहते नजर आ रहे हैं, “किसी अजनबी, जैसे कबाड़ीवाला, फेरीवाला, बाबा या कोई भिखारी, कोई भी भी हो उसके लिए दरवाजा न खोलें. गलती से भी ये शब्द न कहें कि अभी घर में कोई नहीं है. आज बरगदवा से खबर मिली है कि भिखारी के वेश में पांच सौ लोग निकले हैं. जो रास्ते में मिलता है, उसको काटकर कलेजा और किडनी निकाल ले रहे हैं. जिसमें से छह सात लोग पकड़े गए हैं. जो पकड़े गए हैं उन्हीं लोगों ने कड़ी पूछताछ के बाद 500 लोगों के आने की बात कबूल की है.”
वीडियो के निचले हिस्से में एक लाल रंग की पट्टी पर लिखा है, “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज को एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने बताया फर्जी, कहा कहीं नहीं है, कोई ऐसी बात दिखे, कोई संदिग्ध, तो पुलिस को करें सूचित, अपने माध्यम से न करें कोई कार्रवाई.”
इस वीडियो के साथ एक यूट्यूब यूजर ने कैप्शन लिखा, “आप सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना है आप सभी अपने ग्रुप और दोस्तों-रिश्तेदारों में शेयर करें”.
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर गोरखपुर के पूर्व एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ के नाम से जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसे एडिट करके उसमें एक मनगढ़ंत ऑडियो जोड़ा गया है. असली वीडियो में डॉ. कौस्तुभ बच्चा चोरी गिरोह की अफवाह के प्रति लोगों आगाह कर रहे हैं.
ये वीडियो इंटरनेट पर काफी समय से मौजूद और पिछले कुछ समय से एक बार फिर इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
क्या है सच्चाई?
वायरल वीडियो में बयान दे रहे पुलिस अधिकारी का नाम डॉ. कौस्तुभ लिखा हुआ है. हमने वायरल वीडियो में नजर आ रहे अधिकारी की फोटो की तुलना उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट पर मौजूद डॉ. कौस्तुभ की फोटो से की. हमने पाया कि दोनों एक ही व्यक्ति की तस्वीरें हैं यानी बयान दे रहे अधिकारी डॉ. कौस्तुभ ही हैं.
आज तक से बातचीत में डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि सोशल मीडिया पर उनके वीडियो के साथ बच्चा चोरी और अंग निकालने वाला जो वीडियो शेयर हो रहा है, वो एडिट किया हुआ है. इस वीडियो को बनाने और वायरल करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. उन्होंने ये भी बताया कि वर्तमान में वो उत्तर प्रदेश के जिले संत कबीर नगर में बतौर एसपी कार्यरत हैं.
वीडियो को गौर से देखने पर यह साफ नजर आता है कि डॉ. कौस्तुभ के होठों के मूवमेंट और ऑडियो में कोई तालमेल नहीं है. एक जगह तो ऐसा भी नजर आता है कि डॉ. कौस्तुभ शांत बैठे हैं, लेकिन ऑडियो चल रहा है. साफ पता चल रहा है कि वीडियो में अलग से ऑडियो इस तरह जोड़ा गया है कि वो पुलिस अधिकारी के बयान जैसा लगे.
कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें ‘गोरखपुर न्यूज’ यूट्यूब चैनल का 12 सितंबर 2019 का एक वीडियो मिला जिसमें खबर पेश कर रहा एंकर खुद वायरल वीडियो का खंडन करता नजर आ रहा है.
एंकर कह रहा है, “गोरखपुर न्यूज के एक समाचार जो बच्चा चोरी के वायरल हुए अफवाह के संबंध में था, जिसे 24 अगस्त को ऑनएयर किया गया था, जिसके संबंध में एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने बाइट देते हुए बताया था कि बच्चा चोरी के संबंध में गोरखपुर पुलिस की तरफ से जारी अलर्ट कोरी अफवाह है और आगाह किया था कि गोरखपुर जिले में कोई घटना बच्चा चोरी की नहीं हुई है. ये समाचार कुल दो मिनट 36 सेकंड के आसपास का है जो गोरखपुर न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर उपलब्ध है. इस अपलोड वीडियो को कटपेस्ट करके केवल उसी पोर्शन को वायरल किया गया है जिस पोर्शन में अफवाह क्या है, उसका जिक्र एंकर कर रहा था. जबकि नीचे की ओर चल रहे मुख्य अंश में साफ प्रदर्शित है कि कि एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने बताया है कि बच्चा चोरी की घटना पूरी तरह अफवाह है. किसी शरारती तत्व ने गलत मंशा से ये वायरल किया है. जो पोर्शन काटा गया है, वो आपके सामने है.”
इसी वीडियो में डॉ. कौस्तुभ का वो विजुअल देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में इस्तेमाल हुआ है. इसमें वो कह रहे हैं, “सोशल मीडिया पर कई जगह ये चीज वायरल हो रही है कि गोरखपुर पुलिस द्वारा एक मैसेज दिया जा रहा है कि कई लोग आए हैं जो बच्चों को अगवा कर रहे हैं किडनी निकालने के लिए. ये एक अफवाह है. इसका खंडन पहले भी किया जा चुका है. बार-बार किया जा रहा है. इस तरह के कोई भी ग्रुप नहीं आ रहे हैं. अगर किसी को भी इस प्रकार की कोई सूचना प्राप्त होती है तो तुरंत पुलिस को इत्तला करे. इस तरह की कोई भी घटना गोरखपुर शहर क्षेत्र में नहीं हुई है.”
इससे पहले भी ये भ्रामक वीडियो वायरल हो चुका है. उस वक्त ‘बूमलाइव’ वेबसाइट ने इसका खंडन किया था.
यानी ये बात स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में अलग से भ्रामक ऑडियो जोड़कर लोगों में एक ऐसे गिरोह को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो लोगों को मारकर उनके अंग निकाल लेता है. गोरखपुर पुलिस ने ऐसे किसी गिरोह की मौजूदगी से इंकार किया है.