सोशल मीडिया (Social Media) पर भोपाल (Bhopal) के हबीबगंज (Habibganj) रेलवे स्टेशन (Railway Station) के नाम को लेकर एक पोस्ट जमकर वायरल (Viral) हो रही है. पोस्ट में दावा ये किया जा रहा है कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा सिंधुराज रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. महाराजा सिंधुराज भारत के परमार राजवंश के राजा थे और राजा भोज के पिता थे. ये राजवंश मध्य भारत के मालवा क्षेत्र में केंद्रित था. भोपाल के निकट भोजपुर को राजा भोज ने ही स्थापित किया था.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट में किया गया दावा गलत है. हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला नहीं गया है.यह दावा फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर हो चुका है. दावे को सच मानते हुए लोग कह रहे हैं कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की राह पर चल दिए हैं. कुछ वेरीफाइड ट्विटर हैंडल ने भी इस गलत जानकारी को साझा किया है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है. पड़ताल करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें ये बताया गया हो कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर सिंधुराज रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. अगर ऐसा सचमुच हुआ होता तो यह एक बड़ी खबर होती और मीडिया में कवर जरूर होती.
जानकारी को पुख्ता करने के लिए हमने पश्चिम मध्य रेलवे के पीआरओ राहुल जयपुरियार से बात की. उनका भी यही कहना था कि यह दावा सरासर झूठ है. स्टेशन का नाम अभी हबीबगंज ही है. राहुल ने बताया कि भारत में किसी भी रेलवे स्टेशन स्टेशन का नाम बदलने के लिए एक बहुत लंबी प्रक्रिया होती है. इसे तमाम राजनैतिक और कानूनी कार्यप्रणाली से गुजरना पड़ता है. राहुल के अनुसार इस तरह का कोई प्रस्ताव उनकी जानकारी में नहीं है.
कहां से उड़ी ये अफवाह?
'पत्रिका' की एक खबर के मुताबिक, भोपाल के करोंद में रहने वाले एक फेसबुक यूजर ने ये गलत जानकारी साझा की थी. यूजर ने लिखा था कि हबीबगंज को अब सिंधुराज महाराज के नाम से जाना जाएगा. पोस्ट जब वायरल हुआ तो रेलवे को इसका खंडन करना पड़ा. कुछ समय बाद युवक ने पोस्ट हटा ली लेकिन जब तक ये सोशल मीडिया पर फैल चुकी थी.
हालांकि, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का एक प्रस्ताव जरूर है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बता दें कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन भारत का पहला स्टेशन है जिसका विकास भारतीय रेलवे के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत किया गया है. ये स्टेशन कई वर्ल्ड क्लास और आधुनिक सुविधाओं से लैस है.