कोरोना महामारी के चलते देश के अस्पतालों में पैदा हुई ऑक्सीजन की किल्लत के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर दो कथित ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जहां पहले ट्वीट में ऑक्सीजन के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लताड़ा गया है, वहीं दूसरे ट्वीट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अहमियत देना बड़ी भूल बताया गया है.
पहला ट्वीट है, “मैनें मोदी-शाह का यह सोचकर विरोध नहीं किया, की ये मेरे हाथों में पले बढ़े मेरें बच्चे देश को विश्वगुरू बनायेगें, लेकिन आज देश की हालात इन दोनों की जोड़ी नें ऐसी कर दी है की जनता को श्वाँस तक नसीब नहीं हो रही है, मुझे ऐसा पता होता तो मैं इन व्यापारियों को कभी देश नहीं सौंपता!”
वहीं, दूसरा ट्वीट है, “मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती मेरा आरएसएस जैसे निर्दयी संघ को अहमियत देना, मैनें आरएसएस की हमेशा सेवा की, मैं राजनिति में उन लोगों को आगे लेकर आया जो संघ से जुड़े चेहरे थे, मैनें देश की भलाई के बारे में सोचा हमेशा! लेकिन मुझे नहीं पता था की मेरी एक भूल देश को नरक में धकेल देगी!”
एक फेसबुक यूजर ने इन ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “आडवाणी का जमीर तक जाग गया पर अधंभक्तो का जमीर कब जागेगा पता नहीं.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ‘@LK_Adwani’ यूजरनेम वाले जिस ट्विटर अकाउंट से ये दोनों ट्वीट किए गए हैं, वो भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का अकाउंट नहीं है. आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पीएम मोदी या अमित शाह के बारे में इस किस्म का कोई भी बयान अभी तक नहीं दिया है.
‘@LK_Adwani’ हैंडल वाले ट्विटर अकाउंट के बायो सेक्शन में लिखा है कि ये भारत के पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का अकाउंट है. इस ट्विटर अकाउंट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
खबर लिखे जाने तक आडवाणी के नाम पर वायरल मोदी-शाह और आरएसएस विरोधी ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट शेयर करने वाली एक फेसबुक पोस्ट को तकरीबन 1200 लोग शेयर कर चुके थे.
क्या है सच्चाई
लालकृष्ण आडवाणी के सेक्रेटरी दीपक चोपड़ा ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि ‘@LK_Adwani’ ट्विटर अकाउंट आडवाणी का अकाउंट नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि आडवाणी का ट्विटर पर कोई भी अकाउंट नहीं है.
मौजूदा वक्त में अस्पतालों की अव्यवस्था और ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से बहुत सारे लोग केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं. अगर ऐसे वक्त में लालकृष्ण आडवाणी जैसे चर्चित नेता ने मोदी-शाह या आरएसएस की खिलाफत करता हुआ कोई बयान दिया होता तो उसके बारे में यकीनन सभी जगह चर्चा होती. लेकिन हमें ऐसी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें ऐसा आडवाणी के ऐसे किसी बयान का जिक्र हो.
अकाउंट फर्जी होने के कई सबूत
‘@LK_Adwani’ यूजरनेम वाले जिस अकाउंट से भाजपा नेता आडवाणी के नाम पर ट्वीट किए जा रहे हैं, उसमें हमें ऐसी कई बातें दिखीं, जिनके सहारे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये आडवाणी का असली अकाउंट नहीं हो सकता.
इस अकाउंट के बायो सेक्शन में आडवाणी के सरनेम की अंग्रेजी स्पेलिंग ‘Lal Krishna Adwani’ लिखी है, जबकि कई सरकारी वेबसाइट्स के मुताबिक उनके सरनेम की सही अंग्रेजी स्पेलिंग ‘Lal Krishna Advani’ है. इसी तरह, इस अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में उनके सरनेम की हिंदी स्पेलिंग ‘आडवानी’ लिखी है, जबकि सरकारी वेबसाइट्स के मुताबिक उनके सरनेम की हिंदी स्पेलिंग ‘आडवाणी’ है. इतना बड़े कद का राजनेता अपने ही नाम की स्पेलिंग गलत लिखेगा, इसकी संभावना न के बराबर है.
ये ट्विटर अकाउंट दिसंबर 2020 में बनाया गया था, लेकिन इस अकाउंट से किए गए पहले ट्वीट की तरीख 19 अप्रैल 2021 दिख रही है. ये बात भी शक पैदा करती है.
इस अकाउंट से कुछ आपत्तिजनक भाषा वाले ट्वीट भी किए गए हैं. जाहिर है, लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता सार्वजनिक तौर पर इस किस्म की भाषा का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
पड़ताल से ये बात साफ हो जाती है कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोध से जुड़े जो ट्वीट लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर वायरल हो रहे हैं, वो उन्होंने नहीं किए हैं. कोई और व्यक्ति उनके नाम से अकाउंट बनाकर ये ट्वीट कर रहा है.