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फैक्ट चेक: ड्राई आइस खाने से बच्चे की मौत का दावा गलत, कर्नाटक के इस मामले की पूरी कहानी ये है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे वायरल कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे बच्चे की ड्राई आइस खाने से मौत हो गई. हालांकि, आज तक की फैक्ट चेक टीम ने जब इस घटना की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही निकली.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में दिखता है कि ड्राई आइस खाते ही एक बच्चे की मौत हो गई.
सच्चाई
ये बच्चा जीवित है. “स्मोक बिस्किट” के साथ दिए जाने वाले लिक्विड नाइट्रोजन का सेवन करने से इस बच्चे की थोड़ी तबीयत जरूर बिगड़ी थी लेकिन बाद में वो ठीक हो गया था. ये हाल ही की कर्नाटक के दावणगेरे की घटना है.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

अगर आपने कहीं खाने-पीने की चीजों में से सफेद गाढ़ा धुंआ निकलते देखा है तो मुमकिन है कि ये ड्राई आइस या लिक्विड नाईट्रोजन का कमाल हो. खाने को फैंसी लुक देने के लिए आजकल इन दोनों पदार्थों का इस्तेमाल काफी चलन में हैं.

लेकिन अगर सोशल मीडिया यूजर्स की मानें तो खाने के साथ किए जा रहे इसी एक्सपेरिमेंट ने एक बच्चे की जान ले ली है. विचलित कर देने वाला ये दावा इंटरनेट पर एक वीडियो के साथ किया जा रहा है. देखने में वीडियो किसी मेले का लग रहा है.

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इसमें दिखता है कि मेले में लगे स्टॉल के पीछे खड़ा एक आदमी, एक गिलास में कुछ भरकर दूसरी तरफ खड़े एक बच्चे को देता है. गिलास में से भारी मात्रा में सफेद धुआं निकलता दिख रहा है. बच्चा धुएं के साथ ही गिलास में डाले गए पदार्थ को पी लेता है. चंद सेकंड बाद ही बच्चा अपना पेट पकड़कर चिल्लाने लगता है. ऐसा लगता है कि बच्चे को काफी दर्द हो रहा है. आसपास खड़े कुछ लोग बच्चे को संभालने में लग जाते हैं और आखिर में बच्चा बदहवास सा दिखता है.

इस वीडियो को शेयर करने वाले लिख रहे हैं कि ड्राई आइस वाले स्नैक्स को खाने से इस बच्चे की मौत हो गई. लोग इस तरह के खानों को लेकर सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं. साथ ही इसके जरिये प्रशासन से अपील की जा रही है कि ऐसी खाने-पीने की चीजों को बैन कर देना चाहिए.

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कयास लगाए जा रहे हैं कि वीडियो तेलंगाना या आंध्र प्रदेश का है. एक पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “देखिए कैसे एक हंसता खेलता बच्चा खेल खेल में "Dry Ice" खाता है और बस कुछ ही पलों में वो इस दुनिया में नही रह पाता है ....!!वीडियो शायद तेलंगाना या आंध्र प्रदेश की है .....!!! ज़रा सी लापरवाही से एक परिवार  का बच्चा खतम हो गया ....!! प्रशासन को इस पर बैन लगाना चाहिए ....!!!”


बच्चे की कथित मौत पर दुख जताते हुए ये वीडियो फेसबुक और एक्स पर काफी वायरल हो रहा है. वायरल पोस्ट का आर्कइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वीडियो में दिख रहे बच्चे की मौत नहीं हुई है. ये घटना हाल ही में कर्नाटक के दावणगेरे में हुई है. 

कैसे पता चली सच्चाई?

हमने गौर किया कि कुछ यूजर्स ने कमेंट किया है कि वीडियो में कन्नड़ भाषा बोली जा रही है. इस क्लू और वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च की मदद से खोजने पर हमें कन्नड़ भाषा में 18 अप्रैल 2024 को छपी एक खबर मिली. इस खबर में वायरल वीडियो के बारे में बताया गया है.

इसके मुताबिक, ये घटना दावणगेरे में लगे एक एक्सबिशन में हुई थी, जहां स्मोक बिस्किट खाने से एक बच्चा बीमार पड़ गया था. बच्चे के मां-बाप उसे तुरंत अस्पताल ले गए थे और इलाज के बाद वो ठीक हो गया था.

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वीडियो में दिख रहे काउंटर पर भी 'Smoke Biscuits' लिखा दिख रहा है. इसे सामान्य बिस्किट में लिक्विड नाईट्रोजन मिलाकर बनाया जाता है. इस बिस्किट को खाते ही मुंह धुएं से भर जाता है. धुआं देखने में आकर्षक लगता है और मुंह को काफी ठंडा कर देता है. इसी वजह से ये भारत में काफी चलन में आ रहा है.


इस मामले पर छपी एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना दावणगेरे में लगे रोबोटिक बर्ड्स एक्सबिशन की है. इसे लेकर कुछ और रिपोर्ट्स भी छपी हैं. इन सभी खबरों में यही बताया गया है कि बच्चा स्मोक बिस्किट खाने के बाद थोड़ा बीमार जरूर पड़ा था लेकिन बाद में वो ठीक हो गया था.

इस बारे में हमारी बात आजतक के दावणगेरे संवाददाता से भी हुई. उन्होंने हमें बताया कि ये घटना 14 अप्रैल 2024 की है और वीडियो में दिख रहा बच्चा जीवित है. उनकी मदद से हमारी बात इस बच्चे के पिता आरटी सत्यनारायण से हुई. सत्यनारायण ने हमसे ज्यादा तो बात नहीं की लेकिन यह बता दिया कि उनका बच्चा ठीक है.

हमने दावणगेरे की पुलिस अधीक्षक उमा प्रशांत से भी संपर्क किया. उमा‌ ने हमें बताया कि यह दावा गलत है कि इस बच्चे की मौत हो गई है. उनके मुताबिक, बच्चे को थोड़ी परेशानी हुई थी लेकिन वह बाद में ठीक हो गया था. पुलिस ने अगले दिन बच्चे के मां-बाप को बुलाया भी था लेकिन उन्होंने इस मामले में शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया. उमा का कहना है कि स्मोक बिस्किट वाली इस दुकान को बंद करवा दिया गया है. मामले के बारे में खाद्य विभाग को भी सूचित कर दिया गया है.

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कितना खतरनाक हो सकता है ड्राई आइस और लिक्विड नाइट्रोजन?

दोनों पदार्थों के नाम से ही समझ आता है कि लिक्विड नाइट्रोजन तरल होता है वहीं ड्राई आइस ठोस. कार्बन डाइऑक्साइड के ठोस रूप को ही ड्राई आइस कहा जाता है. इसका तापमान -78.5 डिग्री सेल्सियस तक होता है. वहीं लिक्विड नाइट्रोजन इससे भी ज्यादा ठंडी होती है और इसका तापमान -196 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.

दोनों पदार्थ खाने-पीने की चीजों में स्मोक इफेक्ट देने के काम आते हैं. खाद्य पदार्थों को आकर्षक बनाने के लिए ऐसा किया जाता है. साथ ही यह खाने पीने की चीजों को फ्रीज करने के काम भी आते हैं.

2018 में अमेरिकी सरकार के फूड एंड ड्रग विभाग ने खान-पान में लिक्विड नाइट्रोजन और ड्राई आइस के इस्तेमाल को लेकर एक रिपोर्ट () छापी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ड्राई आइस या लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल सावधानी से न किया जाए तो अत्यधिक कम तापमान की वजह से यह घातक हो सकता है. इनका सेवन सीधे तौर पर नहीं किया जाना चाहिए. इससे त्वचा और हमारे आंतरिक अंगों को हानि पहुंच सकती है.

पिछले महीने ही इससे संबंधित दिल्ली से सटे गुरुग्राम का एक मामला सामने आया था. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर समझकर कुछ लोगों ने ड्राई आइस के टुकडे खा लिए थे. इसके बाद उनके मुंह से खून आना शुरू हो गया था.

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इसी खबर में 2017 में दिल्ली में हुई एक घटना का जिक्र किया गया है जिसमें एक व्यक्ति ने गलती से ऐसा ड्रिंक पी लिया था जिसमें लिक्विड नाइट्रोजन था. व्यक्ति को ड्रिंक से निकल रहे धुएं को हटाने के बाद उसे लेना था लेकिन वह उसे ऐसे ही पी गया. व्यक्ति के पेट में दर्द हुआ और बाद में सर्जरी में पता चला कि उसके पेट में एक बड़ा छेद हो चुका है.

(दावणगेरे से एच एम कुमार के इनपुट के साथ)

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