बलूचिस्तान में हाईजैक हुई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन वाले मामले में पाकिस्तान आर्मी का कहना है कि उनके ऑपरेशन में लगभग 350 बंधकों को रिहा करवाया गया है, वहीं 21 बंधक मारे गए हैं. पाकिस्तान आर्मी के मुताबिक, उन्होंने सभी बलूच लड़ाकों को मार गिराया है और उनके चार सैनिक मारे गए हैं.
हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के दावे झूठे हैं और बलूचिस्तान के सिबि इलाके में लड़ाई अभी जारी है.
इस बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल होने लगी है जिसमें पाकिस्तानी झंडों में लिपटे कई ताबूत नजर आ रहे हैं. फोटो के साथ कटाक्ष किया जा रहा है कि ये पाकिस्तानी सैनिकों के ताबूत हैं जो ट्रेन हाईजैक वाले ऑपरेशन में मारे गए हैं.
यूजर्स फोटो के साथ लिख रहे हैं, “कायर थे, लड़े बिना ही कुत्ते की मौत मारे गए!! #PakistanArmy #PakistanTrainHijack”. एक्स और फेसबुक पर भी इसी कैप्शन के साथ इस फोटो को शेयर किया जा रहा है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस तस्वीर का बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक से कोई संबंध नहीं है. ये पाकिस्तान की 2011 की फोटो है.
कैसे पता की सच्चाई?
तस्वीर को रिवर्स करने पर हमें ये मीडिया संस्थान इंडिपेंडेंट की फरवरी 2011 की एक रिपोर्ट में मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के मरदान में स्थित एक मिलिट्री बेस में एक तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने धमाका किया था. इसमें आर्मी के 31 कैडेट मारे गए थे और 40 लोग घायल भी हुए थे. वायरल फोटो इसी हमले में मारे गए जवानों के ताबूतों की है.
खबर में बताया गया है हमलावर की उम्र 19-20 साल थी. इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी. उस समय और भी खबरों में इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था.
यहां हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि बलूचिस्तान ट्रेन हाईजैक वाली घटना में पाकिस्तान के कितने सैनिक मारे गए हैं. लेकिन वायरल तस्वीर मारे गए सैनिकों के ताबूतों की नहीं है.