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फैक्ट चेक: मुस्लिम महिलाओं संग बदसलूकी के वीडियो का RSS से लेना-देना नहीं

क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने किसी मुस्लिम महिला पर कई बाल्टी पानी डालकर उसको परेशान किया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें बुर्के में एक महिला पर कुछ नौजवान पानी फेंक रहे हैं और वो बचने के लिए इधर उधर दौड़ रही है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
आरएसएस के लोग मुस्लिम महिलाओं को परेशान कर रहे हैं
सच्चाई
वीडियो श्रीलंका के यूनिवर्सिटी का है और इसका भारत या आरएसएस से कोई लेना देना नहीं है.
रत्ना
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने किसी मुस्लिम महिला पर कई बाल्टी पानी डालकर उसको परेशान किया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें बुर्के में एक महिला पर कुछ नौजवान पानी फेंक रहे हैं और वो बचने के लिए इधर उधर दौड़ रही है.

6 महीने पुराना ये वीडियो फेसबुक पर मोहम्मद आसिफ ने पोस्ट किया, आसिफ का दावा है कि ‘आरएसएस के लोग मुस्लिम महिलाओं को परेशान कर रहे हैं.’

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि ये दावा झूठा है.

30 सेकेंड के इस वीडियो को 1लाख 57 हजार से ज्यादा views मिले हैं जबकि इसे 5700 से ज्यादा बार शेयर किया गया है.  

पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है

इसी वीडियो को फेसबुक पेज ‘All News Page’ ने भी पोस्ट किया, इसमें बांग्ला में दूसरा दावा किया गया ‘ भारतीय हिन्दू , मुस्लिम लड़कियों पर कूड़ा फेंक रहे हैं’

वीडियो की जांच

गूगल रिवर्स सर्च के जरिए जब हमने वीडियो के किफ्रेम्स की जांच की तो इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि ये वीडियो भारत का नहीं बल्कि श्रीलंका का है. ये वाकया वनथरुमुलई ईस्टर्न यूनिवर्सिटी कैंपस में हुआ था  

यही वीडियो लंका सन न्यूज के पेज पर भी मिला. लंका सन न्यूज ने इस वारदात के बारे में 24 फरवरी 2019 को रिपोर्ट किया था. इसमें तमिल में लिखा था ‘ मुसलमान छात्राओं के साथ इस तरह का बर्ताव हो रहा है’

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Puthithu.com ने भी इस घटना को उसी दिन रिपोर्ट की थी. 

तमिल में लिखे इस लेख के मुताबिक ‘ ये वीडियो दिखाता है कि विश्वविद्यालय में सीनियर जूनियरों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं’. इस वेबसाइट ने यूनिवर्सिटी के अफसरों से भी इस बारे में बात की थी.

निष्कर्ष

साफ है कि इस वीडियो का भारत या आरएसएस से कोई लेना देना नहीं है, न्यूज एजेंसी एएफपी ने भी ने इस दावे का भंडाफोड़ किया था.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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