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फैक्ट चेक: प्रवासी मजदूरों ने नहीं लगाए महाराष्ट्र के खिलाफ नारे

एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ मराठी में दावा किया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से निकलने के बाद राज्य को गाली दे रहे हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
अपने गावों की तरफ जा रहे प्रवासी मजदूरों ने महाराष्ट्र को भला बुरा कहा और मुर्दाबाद के नारे लगाए.
सच्चाई
वीडियो में लोग आसनसोल रेल प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. इस ट्रेन का और इसमें बैठे यात्रियों का महाराष्ट्र से कुछ लेना देना नहीं है.
विद्या
  • मुंबई,
  • 06 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST

क्या अपने गावों की तरफ जा रहे प्रवासी मजदूरों ने महाराष्ट्र को भला बुरा कहा और मुर्दाबाद के नारे लगाए? कई राज्य सरकारें रेल प्रशासन के साथ मिलकर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने की कोशिश में लगी हैं.

ऐसे में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है जिसके साथ मराठी में दावा किया जा रहा है कि प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से निकलने के बाद राज्य को गाली दे रहे हैं और मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि ऐसे प्रवासी मजदूरों का विरोध होना चाहिए और इन्हें वापस नहीं आने देना चाहिए.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है. वीडियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल रेलवे स्टेशन का है. जो यात्री हैं, वो केरल से बिहार के दानापुर जा रहे थे. इनका महाराष्ट्र से कुछ लेना देना नहीं है. ये यात्री खराब खाना दिए जाने का विरोध कर रहे थे.

फेसबुक यूजर शिवभक्त सार्थक कासार ने एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा, "देखिये इन परप्रांतीय लोगों की मौज. घर जाने का समय आया तो महाराष्ट्र को लगे गाली देने. खाना रेलवे स्टेशन पर फेंक दिया. पुलिस पर बोतल फेंककर मार रहे हैं. महाराष्ट्र मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. जो लोग परप्रांतीयों का पक्ष लेते हैं वो आंखें खोल कर इसे देखें. ऐसे लोगों के लिए जितना भी जान लगा दो, ये अंत में अपना असली रंग दिखा ही देते हैं. ऐसे लोगों का विरोध करें. ऐसे लोगों के वापस आने का रास्ता काट दो.”

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वीडियो में रेलवे स्टेशन पर खाना फैला हुआ है, कई पुलिस कर्मी तैनात खड़े हैं और ऐसे में मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं. यात्री कह रहे हैं कि लोग खाने के लिए परेशान हैं.

इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लोग प्रवासी मजदूरों को गाली दे रहे हैं और कह रहे हैं कि इन लोगों को वापस नहीं आने देना चाहिए. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इस वीडियो के साथ ऐसा ही दावा ट्विटर और यूट्यूब पर भी किया गया है.

गौर से देखने पर वीडियो में "आसनसोल जंक्शन" लिखा हुआ दिखता है. इसलिए हमने इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स के साथ इस वीडियो से जुडी ख़बरों को ढूंढा तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट दिखीं.

महाराष्ट्र नहीं आसनसोल रेलवे प्रशासन के खिलाफ लगे नारे

इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस घर लाने के लिए रेलवे प्रशासन श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है. ऐसी ही दो ट्रेनें केरल से निकलीं और आसनसोल से गुजरते हुए बिहार के दानापुर 4 मई को पहुंची. रिपोर्ट के मुताबिक, आसनसोल रेलवे स्टेशन पर मजदूरों को खाना और पानी दिया गया. लेकिन खाने में बदबू आने की वजह से मजदूरों ने खाना फेंक दिया. वीडियो में रेल यात्री आसनसोल रेल प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.

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महाराष्ट्र से गुजरी भी नहीं ट्रेन

इन स्पेशल ट्रेनों की गाइडलाइन के मुताबिक, ये ट्रेनें एक जगह से खुल कर सीधे अपने गंतव्य पर ही रुकती हैं. बीच के स्टेशन पर रेल यात्रियों को सिर्फ खाना पानी दिया जाता है, पर इन ट्रेनों से न तो कोई उतर सकता है, न चढ़ सकता है. हमने फिर भी केरल के रेल अधिकारियों से बात की जिन्होंने बताया की ट्रेन केरल से होते हुए तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल होते हुए बिहार पहुंची. इससे साफ़ है कि इन ट्रेनों में महाराष्ट्र में काम कर रहा कोई मजदूर नहीं था.

निष्कर्ष

जाहिर है कि जब ट्रेन केरल से खुली, बिहार जाने के लिए तो इस ट्रेन में महाराष्ट्र से कोई मजदूर नहीं था. ये ट्रेन महाराष्ट्र से गुजरी तक नहीं. वीडियो में लोग कह रहे हैं कि उन्हें भूख लगी है और वो आसनसोल रेल प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं, न कि महाराष्ट्र के खिलाफ.

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