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फैक्ट चेक: कोरोना वायरस के कारण 29 अप्रैल को नहीं होगा महाविनाश

कोरोन वायरस की महामारी के बीच सोशल मीडिया यूजर्स अब एक खगोलीय घटना को लेकर डरे हुए हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो के जरिये दावा कर रहे हैं कि दुनिया खत्म हो जाएगी.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
29 अप्रैल को एक छोटा ग्रह पृथ्वी से टकराएगा और दुनिया खत्म हो जाएगी.
सच्चाई
यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से करीब 3.9 मिलियन मील की दूरी से गुजरेगा और दुनिया खत्म नहीं होगी.
चयन कुंडू
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

कोरोन वायरस की फैली महामारी के बीच सोशल मीडिया यूजर्स अब एक खगोलीय घटना को लेकर डरे हुए हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो के जरिये दावा कर रहे हैं कि आगामी 29 अप्रैल को एक क्षुद्रग्रह (asteroid) जो "हिमालय" के जितना बड़ा है, पृथ्वी से टकराएगा और महाविनाश होगा, दुनिया खत्म हो जाएगी.

फेसबुक यूजर जैसे “Mularam Bhakar Jaat Osian” और “अदभुत अनोखा अपराजित” आदि ने एक वीडियो क्लिप शेयर की है. इस वीडियो में “Headlines India” का लोगो है. इस वीडियो में बताया गया है कि एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराने जा रहा है. कई वीडियो के साथ हिंदी में कैप्शन लिखा गया है कि आने वाले 29 अप्रैल को महाविनाश होगा और दुनिया खत्म हो जाएगी.

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इन दोनों पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है. नासा के मुताबिक, “52768 (1998 OR2)” नाम का एक क्षुद्रग्रह 29 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी से गुजरेगा. इस दौरान पृथ्वी से इसकी दूरी करीब 4 मिलियन मील होगी.

बहुत से यूजर्स ने इसी प्रलय के इसी काल्पनिक दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया है.

वीडियो किया गया शेयर

इस वायरल पोस्ट के बारे में इंटरनेट पर सर्च करने पर हमने पाया कि यह खबर सबसे पहले “Daily Express” में प्रकाशित हुई जिसका शीर्षक था, “क्षुद्रग्रह चेतावनी: नासा ने एक 4 किमी के क्षुद्रग्रह को ट्रैक किया- अगर यह पृथ्वी से टकराया तो सभ्यता का अंत कर सकता है”. इस खबर ने पाठकों के बीच काफी सनसनी और भ्रम पैदा किया. इसे पढ़कर सोशल मीडिया पर लोग यह मानने लगे कि यह क्षुद्रग्रह सभ्यता को समाप्त कर देगा.

लेकिन नासा लगातार अन्य ग्रहों से इस विशेष क्षुद्रग्रह की दूरी, इसके मार्ग और पृथ्वी से दूरी की निगरानी कर रहा है. इस ग्रह को "52768 (1998/2/2)" नाम दिया गया है. नासा ने इस ग्रह की क्षुद्रग्रह की खोज 1998 में की थी और तब से यह इसकी निगरानी कर रहा है. इस ग्रह से जुड़े सभी आंकड़े “सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज” (CNEOS) की वेबसाइट पर सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं.

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ट्विटर पर “CNEOS” के आधिकारिक अकाउंट से ​ट्वीट किया गया है, “29 अप्रैल को क्षुद्रग्रह 1998 OR2 पृथ्वी से 3.9 मिलियन माइल/6.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर गुजरेगा. यह पूरी तरह सुरक्षित है. Daily Express के लेख में जो 'चेतावनी' जारी की गई है वह पूरी तरह से गलत है.”

नासा के “Sentry Impact Risk Page” पर भी इस “52768 (1998 OR2)” क्षुद्रग्रह का कोई जिक्र नहीं है, जो पृथ्वी पर प्रभाव डालने वाली भविष्य की संभावित घटनाओं की निगरानी करता है.

यह क्षुद्रग्रह 1.8 किमी से 4.1 किमी के अनुमानित व्यास वाला है. यह पृथ्वी से करीब 3.9 मिलियन मील की अनुमानित दूरी से गुजरेगा. उस वक्त इसकी गति करीब 20,000 मील प्रति घंटे अनुमानित है. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी के मुकाबले लगभग सोलह गुना है. इसका मतलब हुआ कि यह छोटा ग्रह पृथ्वी के नजदीक से नहीं गुजरेगा और न ही कोई प्रभाव डालेगा.

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