चीन में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ लोगों के साथ काला सूट पहने एक व्यक्ति को मस्जिद में नमाज अदा करते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि चीन के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अल्लाह का सजदा करना और मस्जिद में नमाज अदा करना ही कोरोना वायरस का एकमात्र इलाज है. इस वीडियो में ये दर्शाने की कोशिश की गई है कि चीनी पीएम खुद मस्जिद में नमाज अदा कर रहे हैं.
हमारे एक पाठक ने हमें यह वीडियो हमारे WhatsApp नंबर 73 7000 7000 पर फैक्ट चेक के लिए भेजा है.
फेसबुक यूजर Mohd Usman Ias ने भी इस वीडियो को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए यही दावा किया है. वीडियो के साथ उन्होंने हिंदी में लिखा है, 'चीन के पीएम ने कहा कि हम कुरान का अनुवाद करेंगे क्योंकि हमें एहसास हुआ कि कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका अल्लाह को 'सजदा' करना है और मस्जिद में जाकर नमाज अदा करना है.'
खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को 31 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं और लगभग 3 हजार लोग इसे शेयर कर चुके हैं. इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो मई 2004 में मलेशिया के प्रधानमंत्री अब्दुल्लाह अहमद बदावी के चीनी दौरे के समय का है. उस दौरान बदावी जुमे की नमाज अदा करने बीजिंग के एक मस्जिद पहुंचे थे.
वायरल वीडियो को InVID टूल की मदद से रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि वीडियो में दिख रहा एक शख्स मलेशिया सरकार का मंत्री रह चुका है.
इस लीड के जरिये हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से यूट्यूब पर यह वीडियो ढूंढ लिया. AP Archive यूट्यूब चैनेल ने 21 जुलाई 2015 को इस वीडियो को अपलोड किया था.
इस वीडियो के साथ दी गई स्टोरी लाइन के मुताबिक अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा के दूसरे दिन, मलेशिया के प्रधानमंत्री अब्दुल्लाह अहमद बदावी ने बीजिंग की नान जिया पो मस्जिद का दौरा किया था और जुमे की नमाज में शामिल हुए थे.
इस वीडियो के साथ दिए AP Archive की वेबसाइट के लिंक पर मलेशियाई प्रधानमंत्री के चीन यात्रा के दौरान की खबरें सर्च करने पर हमें पता चला कि 28 मई 2004 को मलेशियाई पीएम ने चीन की इस मस्जिद का दौरा किया था.
इन तथ्यों से साफ है कि इस वीडियो का किसी भी चीनी प्रधानमंत्री से संबंध नहीं है और न ही कोरोना वायरस को लेकर ऐसा कोई बयान चीनी प्रधानमंत्री की तरफ से आया है.
हालांकि चीन ने कुरान को अपने हिसाब से लिखने की बात कही थी. लेकिन उनका संदर्भ धार्मिक कट्टरता के खिलाफ और समाजवादी मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाली कुरान लिखने से था.
AFWA की पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत पाया गया है. वीडियो मई 2004 में मलेशियाई पीएम बदावी के चीनी दौरे के समय बीजिंग के एक मस्जिद में नमाज अदा करने का है. वीडियो काफी पुरानी है और इसे 21 जुलाई 2015 को अपलोड किया गया था.