क्या राष्ट्रपति भवन स्थित प्रतिष्ठित मुगल गार्डन का नाम बदलकर देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रख दिया गया है? पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें ऐसा ही दावा किया जा रहा है.
स्मिता देशमुख नाम की एक यूजर ने 18 अगस्त को अंग्रेजी में एक ट्वीट किया, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है, "कोरोना काल की सबसे अच्छी खबर- राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अब डॉ राजेंद्र प्रसाद गार्डन कर दिया गया है."
क्या है सच्चाई?
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस दावे का भारत सरकार के सूचना विभाग 'प्रेस इंफार्मेशन ब्यूरो' (PIB) ने इसका खंडन किया है. पीआईबी ने 21 अगस्त को ट्वीट करते हुए साफ़ किया कि केंद्रीय सरकार ने मुगल गार्डन का नाम नहीं बदला है.
राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी गार्डन का नाम 'मुगल गार्डन' ही दिख रहा है.
स्मिता देशमुख के इस ट्वीट को हजारों बार लाइक और रीट्वीट किया जा चुका है. स्मिता के ट्विटर बायो के मुताबिक वे पत्रकार रहीं हैं और अब एक संचार विशेषज्ञ हैं. उनके ट्वीट में किया गया दावा अब फेसबुक पर भी शेयर हो रहा है. ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
हालांकि, कुछ न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक समय-समय पर हिन्दू महासभा ये मांग जरूर करता रही है कि मुगल गार्डन का नाम बदलकर राजेंद्र प्रसाद उद्यान कर देना चाहिए. लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
मुगल गार्डन
राष्ट्रपति भवन में 15 एकड़ में फैला मुगल गार्डन दिल्ली में आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. मुगल गार्डन खूबसूरत फूलों, दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों के लिये मशहूर है. ये गार्डन जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आस-पास के उद्यानों, भारत और फारस की पेंटिंग से प्रेरित हुआ दिखाई देता है. 1917 में सर एडविन लुटियन्स ने मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था.