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फैक्ट चेक: दिल्ली हिंसा का नहीं है दो गुटों के बीच जबरदस्त टकराव का यह वीडियो

राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में जहां माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है, वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच कुछ लोग लाठियों से तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं. वे घरों को नुकसान पहुंचाते और सड़क पर सामान तोड़ते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो दिल्ली का है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
दिल्ली में हो रही हिंसा का वीडियो
सच्चाई
वायरल वीडियो करीब एक साल पुराना है और दिल्ली का नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल का है.
अमनप्रीत कौर
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में जहां माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है, वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच कुछ लोग लाठियों से तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं. वे घरों को नुकसान पहुंचाते और सड़क पर सामान तोड़ते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो दिल्ली का है.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो करीब एक साल पुराना है. यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि बंगाल का है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक पेज "We Support Swara Bhaskar " ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: "आप दिल्ली पुलिस के कारनामे खुद देख सकते हैं!"

खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 17000 से ज्यादा बार तक शेयर किया जा चुका था.

वायरल वीडियो की पड़ताल करने पर हमने पाया कि यह वीडियो करीब एक साल पुराना है और पश्चिम बंगाल के कोच बिहार में पेटला क्षेत्र का है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 27 जून 2019 को खुद को गौरक्षक बताने वाले कुछ लोगों ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पेटला इलाके में गायों को ले जा रहे एक ट्रक को रोका था. इन लोगों ने ट्रक चालक से वाहन के दस्तावेज दिखाने के लिए कहा था.

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जब ट्रक चालक, कागज नहीं दिखा पाए तो उसे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से पीटा था. इसके बाद स्थानीय टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप किया था जिसके बाद दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.

इस खबर को एबीपी बांग्ला ने भी रिपोर्ट किया था.

यह वीडियो पिछले साल कश्मीर की घटना बताकर वायरल हुआ था. उस समय बूमलाइव ने इसका सच सामने रखा था.

दिल्ली के कुछ इलाकों में नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में हो रही हिंसा में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं, हालांकि वायरल हो रहा वीडियो दिल्ली का नहीं है.

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