सोशल मीडिया पर, तीन रोते बच्चों को गले लगाए एक महिला की तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत की है. “Akshay Reddy AAP” नाम के फेसबुक पेज ने यह तस्वीर पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है, जिसका हिंदी कुछ इस तरह होगा, “यह मेरी स्थायी स्मृति में रहेगा कि नरेंद्र मोदी ने मेरे देश के लिए क्या किया है...”
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा झूठा है. यह तस्वीर सीरिया की है और छह साल पुरानी है. फेसबुक पर कई यूजर्स ने यही तस्वीर पोस्ट की है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि यह तस्वीर Getty Images वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस वेबसाइट पर इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया है जिसका हिंदी अनुवाद होगा, “14 मई 2014 को उत्तरी सीरिया के शहर अलेप्पो से सटे साहूर में अपने घर पर बमबारी के बाद बच्चों को सांत्वना देती एक सीरियाई महिला. अलेप्पो में एक समय करीब ढाई लाख निवासियों के घर थे और यह सीरिया का आर्थिक केंद्र माना जाता था. 2012 के मध्य में सीरिया में संघर्ष शुरू होने के बाद अलेप्पो पर नियंत्रण को लेकर कुछ समय तक सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध सामने आया था.”
“The Jordan Times ” में 14 मई, 2014 को प्रकाशित एक लेख और “CBS News ” की पिक्चर गैलरी में भी यह तस्वीर प्रकाशित हो चुकी है और यहां भी इस तस्वीर के बारे में यही बताया गया है कि यह सीरियाई संघर्ष की तस्वीर है.
संयोग से, भारत की राजधानी दिल्ली भी हाल ही में दो समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की गवाह बनी. सोशल मीडिया पर इन दंगों से संबंधित कई फर्जी तस्वीरें, वीडियो और फर्जी दावे प्रसारित किए जा रहे हैं. उसी कड़ी में यह तस्वीर भी वायरल हो रही है.
इस तरह पड़ताल से यह साफ हुआ कि वायरल हो रही यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि सीरिया की है.