क्या पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार की तारीफ की? क्या उन्होंने कहा है कि हिंदुस्तान में 73 साल में ऐसी हुकूमत नहीं आई, जैसी आज है? सोशल मीडिया पर कुछ लोग एक वीडियो के जरिये ऐसा ही दावा कर रहे हैं.
इस वीडियो में इमरान खान एक मंच से बोल रहे हैं, “पाकिस्तान को एक मजबूत फौज की जरूरत है तो आज जरूरत है. और क्यों जरूरत है? क्योंकि हमारे साथ जो हमारा हमसाया है, तिहत्तर साल की तारीख में इस तरह की हुकूमत नहीं आई जो आज हिन्दुस्तान में आई है.” इमरान खान के इतना कहने के बाद वीडियो में एक महिला की आवाज में इमरान की बात को दोहराया जाता है.
इस वीडियो को शेयर करते हुए लेखिका शेफाली वैद्य ने अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है, “नरेंद्र मोदी सरकार का इससे शानदार प्रचार नहीं हो सकता. आपका दुश्मन सार्वजनिक तौर पर ये स्वीकार कर रहा है कि पिछले 73 सालों में भारत में इतनी मजबूत और दृढ़ निश्चय वाली सरकार नहीं आई.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की जो क्लिप वायरल है, उसमें उनकी सिर्फ आधी बात सुनाई दे रही है. अगली लाइन में उन्होंने भारत की सरकार को रेसिस्ट, एंटी मुसलमान, एंटी इस्लाम और एंटी पाकिस्तान कहा है. फेसबुक पर भी बहुत सारे लोग इस दावे को शेयर कर रहे हैं
क्या है सच्चाई
हमने जब वायरल वीडियो को इनविड टूल की मदद से क्रॉप करके इसके कीफ्रेम्स को सर्च किया, तो हमें पाकिस्तानी न्यूज चैनल ‘92 News HD Plus’ के फेसबुक पेज पर वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला. यहां इसे 26 दिसंबर 2020 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो में इमरान पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों पर हमलावर हैं और कह रहे हैं कि विपक्ष हिंदुस्तान की जुबान बोल रही है. इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा भी है, लेकिन इमरान की पूरी बात इस वीडियो में भी नहीं है.
कीवर्ड सर्च के जरिये हमें ‘92 News HD’ के यूट्यूब चैनल का एक वीडियो मिला जिसमें इमरान खान की पूरी बात स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है. इमरान कहते हैं, “पाकिस्तान को एक मजबूत फौज की जरूरत है तो आज जरूरत है. और क्यों जरूरत है? क्योंकि हमारे साथ जो हमारा हमसाया है, तिहत्तर साल की तारीख में इस तरह की हुकूमत नहीं आई जो आज हिन्दुस्तान में आई है. जो कि एक इंतेहांपसंद, एक टोटैलिटेरियन, एक रेसिस्ट, एंटी मुसलमान और एंटी इस्लाम और एंटी पाकिस्तान. कभी ऐसी हुकूमत नहीं आई और जो उन्होंने कश्मीरियों से कर रहे हैं.”
इससे पहले ‘बूमलाइव’ वेबसाइट भी इस दावे की सच्चाई बता चुकी है. हालांकि, इससे पहले साल 2014 में इमरान खान विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की तारीफ कर चुके हैं. इस बारे में ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ और ‘एनडीटीवी’ में रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थीं. यानी ये बात स्पष्ट है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान के सिर्फ एक हिस्से को गलत संदर्भ में पेश कर भ्रम फैलाया जा रहा है कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.