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फैक्ट चेक: क्या 2017 में घायल सीआरपीएफ जवान ने अब संभाली ड्यूटी?

मौत के मुंह से निकलने वाले कीर्ति चक्र विजेता सीआरपीएफ जवान चेतन कुमार चीता का वापस ड्यूटी पर ऐक्टिव होना किसी चमत्कार से कम नहीं है. लेकिन क्या 2017 में घायल होने के बाद चेतन कुमार चीता ने अब जाकर अपनी ड्यूटी फिर से संभाली है? कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा ही दावा कर रहे हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
12 गोली लगने और दस महीने कोमा में रहने के बाद कीर्ति चक्र से नवाजे गए कमांडेंट चेतन कुमार चीता अब ड्यूटी पर लौटे.
सच्चाई
9 गोली लगने और डेढ़ महीने कोमा में रहने के बाद कीर्ति चक्र से नवाजे गए कमांडेंट चेतन कुमार चीता इस साल नहीं, बल्कि पिछले साल ही ड्यूटी पर लौट आए थे.
विद्या
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST

मौत के मुंह से निकलने वाले कीर्ति चक्र विजेता सीआरपीएफ जवान चेतन कुमार चीता का वापस ड्यूटी पर ऐक्टिव होना किसी चमत्कार से कम नहीं है. लेकिन क्या 2017 में घायल होने के बाद चेतन कुमार चीता ने अब जाकर अपनी ड्यूटी फिर से संभाली है? कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा ही दावा कर रहे हैं.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि दरअसल 2017 में कमांडेंट चेतन कुमार चीता जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे और डेढ़ महीने वे कोमा में थे. लेकिन 2018 में ही वे फिर से ड्यूटी पर लौट आए और इस साल की शुरुआत में वे पहले जैसे ही एक बटालियन का चार्ज भी ले चुके हैं.

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क्या है दावा?

फेसबुक यूजर ‘D K Parmar‎’ ने 10 दिसंबर को चेतन कुमार चीता का एक मुस्कुराता हुआ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, '12 गोली लगने के बाद व एक गोली तो सीधे आँख मे लगने के बावजूद पाँच दुर्दांत आतंकवादी को मौत के घाट उतार दिया था चेतन मीणा सर ने एक आँख भी गवानी पड़ी चेतन चीता को 10 महीने कोमा में रहने व एक साल हास्पिटील में रहने के बाद मौत को हराकर आज फिर शेर दिल चेतन चीता मीणा सर (CRPF) ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन की. सेल्युट सर. भारत के सच्चे सपूत को वंदन'.

इस पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट कर चेतन कुमार चीता को सलाम किया है. इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

इसी तरह का दावा कई और फेसबुक यूजर्स ने हाल-फिलहाल में किया है.

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क्या है सच्चाई?

हमने सबसे पहले वायरल पोस्ट के फोटो का रिवर्स सर्च किया तो पाया कि दरअसल ये फोटो इंडिया टुडे संवाददाता कंवलजीत संधू ने ली थी और मार्च, 2018 में ट्वीट किया था. संधू ने बहादुर कमांडेंट चेतन कुमार चीता का इंटरव्यू लिया था और उसी दौरान ये फोटो लिया गया था. इस इंटरव्यू से पहले ही चेतन कुमार चीता एक्टिव ड्यूटी पर वापस आ चुके थे.

चेतन कुमार चीता सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में कमांडिंग ऑफिसर थे, जब 14 फरवरी, 2017 को कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उन्हें नौ गोलियां लगी थीं. इस मुठभेड़ में आतंकी तो मारे गए लेकिन सीआरपीएफ की टुकड़ी भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई थी. चेतन कुमार चीता डेढ़ महीने कोमा में थे. चेतन कुमार की तबीयत में सुधार को लेकर इंटरनेट पर कई न्यूज़ आर्टिकल हैं जैसे कि एनडीटीवी और टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बारे में खबरें छापी थीं.

कमांडेट चेतन कुमार चीता की पत्नी उमा सिंह से बताया, 'चेतन पिछले साल फरवरी में ही ड्यूटी पर आ गए थे और इस साल 1 मार्च से वे एक सीआरपीएफ के बटालियन को कमांड कर रहे हैं, वैसे ही जैसे वे इस हादसे के पहले कर रहे थे.' 2018 में यानी पिछले साल ही चेतन कुमार चीता को कीर्ति चक्र से नवाजा गया था.

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जाहिर है कि सीआरपीएफ कीर्ति चक्र विजेता चेतन कुमार चीता इस साल नहीं, बल्कि 2017 के आतंकी हमले के बाद 2018 में ही ड्यूटी पर आ चुके थे.

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