डॉ. भामराव अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर ने 21 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबन से एक फेसबुक लाइव किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत में ब्राह्मण गाय को देवी मानते हैं, लेकिन वही ऑस्ट्रेलिया में गाय काटते हैं और ‘Brahman Pies’ ब्रांड के बैनर तले बीफ का व्यापार करते हैं.
6 मिनट 32 सेकेंड के वीडियो में अंबेडकर अपने एक दोस्त के साथ ‘Brahman Pies’ नाम के एक फूड फ्रेंचाइजी आउटलेट के सामने देखे जा सकते हैं. वीडियो में वे दावा करते हैं कि ‘Brahman Pies’ बीफ समेत बहुत से मांसाहारी व्यंजन बेचता है और ऑस्ट्रेलिया में इसका मालिकाना ब्राह्मणों के पास है. वीडियो के साथ उन्होंने हिंदी में कैप्शन लिखा है, “गाय भारत की माता है, ऑस्ट्रेलिया में देखो कौन खाता है ?”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है. स्टोरी लिखे जाने तक इस वीडियो को 50 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. इसे 1 लाख 42 हजार से अधिक लोगों ने शेयर किया है और 73 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा झूठा है. ऑस्ट्रेलिया के ‘Brahman Pies’ का भारत की ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. यह कंपनी पूरी तरह ऑस्ट्रेलियाई कंपनी है जो कि वास्तव में बीफ से जुड़े कई प्रकार के खाद्य बेचती है. लेकिन ‘Brahman Pies’ नाम मवेशियों की एक नस्ल के नाम पर रखा गया है, न कि 'Brahmin' जाति के आधार पर. दोनों शब्दों की स्पेलिंग भी अलग है, ‘Brahman’ और ‘Brahmin’. इसे हिंदी में ‘ब्राहमन’ और ‘ब्राह्मण’ लिख सकते हैं.
एक ट्विटर हैंडल “Political Kida” ने भी एक वीडियो के जरिये यही सवाल उठाया है. इस वीडियो में अंबेडकर के वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘Brahman Pies’ टीम का आधिकारिक बयान भी शामिल किया गया है.
एक फेसबुक पोस्ट में 'Brahman Pies' ने स्पष्ट किया है कि यह कंपनी 100% ऑस्ट्रेलियाई है और इसका भारतीय ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि इस कंपनी का नाम ब्राहमन पशु के नाम पर है जो कि पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है.
इस पोस्ट के मुताबिक, वीडियो बनाने वाले ने ‘Brahman Pies’ कंपनी के नाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगने के लिए कभी भी हमसे संपर्क नहीं किया.
‘Brahman Pies’ कंपनी में ‘Brahman’ क्या है?
‘Brahman Pies’ कपंनी ‘Brahman’ नस्ल के मवेशी से बने विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बेचती है. ऑस्ट्रेलियन ब्राहमन ब्रीडर्स एसोसिएशन लिमिटेड के मुताबिक, ब्राहमन ब्रीड के मवेशी का जन्म 1900 के बाद के शुरुआती वर्षों में अमेरिका में हुआ, जहां इसे ब्रिटिश नस्ल के मवेशियों और चार भारतीय नस्ल के मवेशियों के जीन को मिलाकर तैयार किया गया था.
ऑस्ट्रेलिया में ब्राहमन नस्ल के मवेशी का प्रारंभिक विकास क्वींसलैंड में शुरू हुआ. आज यह नस्ल पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है और कई देशों में इसका निर्यात किया जाता है.
कुछ विश्वस्त वेबसाइट्स का यह भी कहना है कि ब्राहमन नस्ल के पशु भारत में पवित्र माने जाते हैं और बहुत से हिंदू इन्हें नहीं खाएंगे और न ही काटने व बेचने की अनुमति ही देंगे.
इस बारे में हमारी बात ‘Brahman Pies’ कंपनी के मालिक से हुई. उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई हूं और मेरा व मेरी कंपनी का ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद से वे बहुत परेशान हैं और उनको धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने अपना नाम सार्वजनिक न करने की भी गुजारिश की इसलिए हम उनका नाम नहीं दे रहे हैं. AFWA ने राजरत्न अंबेडकर से भी संपर्क करने की कोशिश की, हमें उनकी प्रतिक्रिया का भी इंतजार है.
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में ब्राह्मण जाति के लोग गाय काटने और बीफ व्यापार से जुड़े हैं या नहीं, हम इस बात को लेकर न तो निश्चित तौर पर दावा कर सकते हैं, न ही इस बिंदु पर पड़ताल ही की. हमारी पड़ताल पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ‘Brahman Pies’ पर केंद्रित रही जिसके ब्रांड नाम का भारत की ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. कंपनी का यह नाम ब्राहमन नस्ल के मवेशी से जुड़ा है.