जम्मू-कश्मीर और दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में 12 फरवरी की रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान बताया गया. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जमकर वायरल हो रही है जिसमें बुरी तरह से धंसी हुई एक सड़क को देखा जा सकता है. शुक्रवार को आए भूकंप के बाद वायरल हुई इस पोस्ट में तस्वीर को कश्मीर घाटी से जोड़ा जा रहा है. हालांकि, पोस्ट में कश्मीर नहीं लिखा गया है लेकिन वैली शब्द का इस्तेमाल है. वैली का मतलब आमतौर पर कश्मीर घाटी समझा जाता है और इसे शेयर करने वाले ज्यादातर यूजर्स कश्मीर के ही हैं.
इंडिया टु़डे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीर सितंबर 2019 की है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भयानक भूकंप आया था और ये सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी.
इस भ्रामक पोस्ट को फेसबुक पर एक हजार से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. फेसबुक पर और भी कई लोगों ने इस तस्वीर को गलत जानकारी के साथ पोस्ट किया है. तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “10.39 बजे रात को आए 6.2 तीव्रता के भूकंप ने समूची घाटी को हिला दिया.” वायरल पोस्ट का आर्कइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता की सच्चाई?
फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें इससे जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. 24 सितंबर 2019 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के कई हिस्सों में तेज भूकंप आया था जिससे वहां मौजूद इमारतों और सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा था. वायरल तस्वीर भी इसी हादसे के बाद पीओके के मीरपुर शहर के पास ली गई थी. खबरों के अनुसार इस भूकंप में लगभग 40 लोगों की मौत हो गई थी और इसके झटके भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए थे.
Getty Images की वेबसाइट पर भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि तस्वीर डेढ़ साल से ज्यादा पुरानी है और इसका 12 फरवरी को आए भूकंप से कोई लेना-देना नहीं. हालांकि ऐसी कुछ खबरें जरूर आई हैं कि उत्तरी कश्मीर के कई घरों में 12 फरवरी को आए भूकंप के कारण दरारें आ गई हैं. लेकिन किसी बड़े नुकसान या हताहतों के बारे में अभी तक कोई खबर नहीं है.