23 अक्टूबर को तुर्की की राजधानी अंकारा में 'टर्किश एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज' के मुख्यालय के बाहर धमाका हुआ. ये खबर भी आई कि कंपनी के बाहर एक औरत और एक आदमी ने गोलीबारी की. इस आतंकी हमले में खबर लिखे जाने तक पांच लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हैं. हमलावरों के कुर्दिश अलगाववादी संगठन से जुड़े होने की बात सामने आ रही है.
इसी संदर्भ में अब सोशल मीडिया पर एक महिला की फोटो वायरल हो गई है. कहा जा रहा है कि ये वही महिला है जिसने अंकारा में गोलीबारी की. दावे के मुताबिक, इस महिला की पहचान फराह करीम के रूप में हुई है जो एक कुर्द मुस्लिम है.
फोटो के साथ अंकारा में हुए इस हमले का सीसीटीवी फुटेज भी शेयर किया जा रहा है जिसमें एक महिला को हाथ में राइफल लिए हुए देखा जा सकता है.
फोटो के साथ एक सोशल मीडिया यूजर ने कैप्शन में लिखा, “तुर्की के #Ankara में #TUSAS एयरो स्पेस पर जो तीन हमलावरों ने भीषण हमला किया उसमें से महिला हमलावर की पहचान हो गई है. इसका नाम फराह करीम है. यह कूर्द मुसलमान है. यह तुर्की की ही निवासी है लेकिन इसके रीजन में एरडोगन जो बार-बार एयर स्ट्राइक कर रहे हैं उसका बदला इसने लिया है”.
इसी तरह के कैप्शंस के साथ महिला की ये फोटो फेसबुक और एक्स पर जमकर वायरल हो रही है. वायरल पोस्ट का आर्कइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये किसी असली महिला की नहीं बल्कि "कॉल ऑफ ड्यूटी" वीडियो गेम की एक किरदार फराह करीम की फोटो है.
कैसे पता की सच्चाई?
फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें पिनट्रेस्ट के एक पोस्ट में मिली. यहां इसे 2019 में रिलीज हुए वीडियो गेम “कॉल ऑफ ड्यूटी: मॉडर्न वॉरफेयर” की किरदार फराह बताया गया है. हमें ऐसे कई आर्टिकल भी मिले जिनमें महिला को इस वीडियो गेम की किरदार फराह करीम बताया गया है.
फिल्मों से जुड़ी वेबसाइट imdb.com पर भी वायरल फोटो के साथ यही बताया गया है कि ये “कॉल ऑफ ड्यूटी” गेम का किरदार है.
दरअसल, फराह करीम के इस किरदार को ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री क्लाउडिया डौमिट की शक्ल का इस्तेमाल करते हुए बनाया गया था. क्लाउडिया ने 2019 में एक खबर का स्क्रीशॉट, इंस्टाग्राम पर शेयर किया था जिसमें इस किरदार की एक दूसरी फोटो देखी जा सकती है.
“कॉल ऑफ ड्यूटी” गेम में फराह करीम को मध्य-पूर्व के काल्पनिक संगठन उर्जिकिस्तान लिबरेशन फोर्स का लीडर बताया गया है. 2019 में “कॉल ऑफ ड्यूटी” के एक्स हैंडल पर इसका टीजर पोस्ट किया गया था. टीजर में फराह करीम के किरदार को 32 सेंकड के बाद देखा जा सकता है.
इसके अलावा हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें अंकारा में हुए हमले में शामिल महिला का नाम फराह करीम बताया गया हो.
क्या है तुर्की- कुर्द विवाद?
तुर्की और कुर्दों की लड़ाई कई दशकों पुरानी है. बीबीसी की खबर के मुताबिक, कुर्द समूह के लोग प्रमुख तौर पर तुर्की, इराक, सीरिया, ईरान और अर्मेनिया के पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं. करीब ढाई से साढ़े तीन करोड़ आबादी के साथ ये मध्य पूर्व का चौथा सबसे बड़ा जातीय समूह है. लेकिन इसके बावजूद इनका कोई राष्ट्र नहीं है.
मुख्य तौर पर लड़ाई इसी बात की है. कुर्द लोग तुर्की में अपनी स्वायत्तता के लिए लड़ रहे हैं. तुर्की में कुर्दों की आबादी 15 से 20 फीसदी बताई जाती है. स्वतंत्र राष्ट्र कुर्दिस्तान को लेकर कुर्द समूह के लोग दशकों से तुर्की के साथ संघर्ष कर रहे हैं.
स्वतंत्र राष्ट्र की मांग को लेकर 1978 में अब्दुल्लाह ओकालन नाम के एक कुर्द लीडर ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) नाम के एक संगठन की स्थापना की थी. इस संगठन ने कुछ समय बाद हिंसक आंदोलन शुरू कर दिया. इस लड़ाई में उस समय हजारों लोग मारे गए. हालांकि बाद में सांस्कृतिक और राजनीतिक स्वायत्तता के बदले पीकेके ने अलग देश की मांग छोड़ दी. लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकी.
तुर्की अक्सर कुर्द उग्रवादियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करता रहता है. तुर्की ने हाल में हुए हमले का आरोप भी पीकेके पर ही लगाया है और उनके इलाकों पर हवाई हमले किए हैं. पीकेके, तुर्की में आतंकी संगठन घोषित है.