Advertisement

फैक्ट चेक: फ्रांस के मौजूदा तनाव से जोड़कर वायरल हुआ सूडान का 8 साल पुराना वीडियो

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ एक इमारत में तोड़फोड़ करती और आग लगाती नजर आ रही है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
हाल में हुई एक घटना में सूडान में मुसलमानों ने फ्रांस के दूतावास में आग लगा दी.
सच्चाई
सूडान में प्रदर्शनकारियों ने साल 2012 में एक अमेरिकी फिल्म ट्रेलर के विरोध में जर्मन दूतावास में आग लगाई थी.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST

फ्रांस में एक शिक्षक का सिर कलम​ किए जाने और वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस घटना को ‘इस्लामिक आतंकवाद’ बताने वाले बयान के बाद कई देशों में फ्रांस का विरोध हो रहा है. इस बीच आतंकी हमले की आशंका जताते हुए वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ एक इमारत में तोड़फोड़ करती और आग लगाती नजर आ रही है.

Advertisement

वीडियो के साथ कैप्शन लिखा है, “बताया जा रहा है कि सूडान के ग़ैरतमंद मुसलमानों ने फ्रांस की अंबेसी का घेराव करके आग लग दी है. जो कि बहुत उम्दा काम किया है. बतला दो गुस्ताख ए नबी को गैरत ए मुस्लिम जिंदा है.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2012 का है जब एक अमेरिकी फिल्म ट्रेलर के कथित ‘इस्लाम विरोधी’ होने से खफा होकर सूडान में प्रदर्शनकारियों ने जर्मन दूतावास की इमारत में तोड़फोड़ और आगजनी की थी.

यह दावा फेसबुक पर काफी वायरल है. ऐसी ही कुछ पोस्ट यहां, यहां और यहां देखी जा सकती हैं.

दावे की पड़ताल

हमने पाया कि साल 2012 में एक अमेरिकी फिल्म के ट्रेलर के विरोध में ट्यूनीशिया, यमन और सूडान जैसे देशों में यूएस, यूके और जर्मनी के दूतावासों पर हमले किए गए थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि फिल्म ट्रेलर में पैगम्बर मुहम्मद का अपमान किया गया है. वायरल वीडियो इन्हीं प्रदर्शनों से जुड़ा हुआ है. इसमें प्रदर्शनकारी सूडान स्थित जर्मन दूतावास में तोड़फोड़ करते और आग लगाते दिख रहे हैं.

Advertisement

हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को इंटरनेट पर रिवर्स सर्च किया. वीडियो की एक तस्वीर हमें ‘अडोब स्टॉक’ वेबसाइट में मिली. यहां 14 सितंबर 2012 को पोस्ट की गई इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है, “खार्तूम स्थित जर्मन दूतावास की इमारत पर चढ़कर गुस्से में चिल्लाते एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर, जिसे एक वीडियो फुटेज से लिया गया है”.

‘सीएनएन’ की एक वीडियो रिपोर्ट में भी हमें वायरल वीडियो मिला. इस रिपोर्ट के अंग्रेजी कैप्शन का हिंदी अनुवाद है, “प्रदर्शनकारी सूडान की राजधानी खार्तूम में स्थित जर्मन दूतावास के सुरक्षाकर्मियों पर हावी होने में सफल रहे.”  

हमें ‘अल जजीरा’ की एक रिपोर्ट में भी इस घटना का ब्यौरा मिला. इस रिपोर्ट में घटना से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया गया है. इस वीडियो में हमें एक ऐसी क्लिप मिली, जो वायरल वीडियो में भी मौजूद है.

‘डायचे वेले’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में तकरीबन 5000 प्रदर्शनकारी मौजूद थे, जिन्हें रोकने के लिए सूडान की पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा था. इसके बावजूद, वे जबरन जर्मन दूतावास में घुस गए थे. दूतावास की इमारत में आग लगाने से पहले प्रदर्शनकारियों ने जर्मनी का झंडा फाड़कर वहां काला इस्लामिक झंडा लगा दिया था.

पड़ताल से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का फ्रांस की हालिया घटना से कोई लेना-देना नहीं है. यह साल 2012 की एक घटना से जुड़ा वीडियो है जिसमें प्रदर्शनकारियों ने एक अमेरिकी फिल्म ट्रेलर के विरोध में सूडान स्थित जर्मन दूतावास में आग लगा दी थी.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement