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फैक्ट चेक: अशोक गहलोत के कार्यक्रम में दिखे हरे झंडे नहीं थे पाकिस्तान के

इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में वीडियो के साथ किए गए दावे को ग़लत पाया. गहलोत की रैली में जो हरे झंडे दिख रहे हैं वो पाकिस्तान के नहीं बल्कि इस्लाम धर्म से जुड़े धार्मिक झंडे हैं.

अशोक गहलोत(फोटो-ट्विटर) अशोक गहलोत(फोटो-ट्विटर)
बालकृष्ण/वरुण शैलेश/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग को अब एक हफ्ते का ही वक्त बचा है. लेकिन राज्य में सोशल मीडिया पर झूठे दावों और गुमराह करने वाले वीडियो की बाढ़ सी आई हुई है. हाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जुड़ा 10 सेंकड का वीडियो सामने आया है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि गहलोत के चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तानी झंडों का इस्तेमाल किया गया.  इस वीडियो को कई फेसबुक पेजों पर हज़ारों बार शेयर किया जा चुका है.

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में वीडियो के साथ किए गए दावे को ग़लत पाया. गहलोत की रैली में जो हरे झंडे दिख रहे हैं वो पाकिस्तान के नहीं बल्कि इस्लाम धर्म से जुड़े धार्मिक झंडे हैं.

वीडियो के साथ दावा किया गया है कि ‘गहलोत की रैली में पाकिस्तानी झंडा दिखा.’भीड़ में कई हरे झंडों के साथ तिरंगे भी देखे जा सकते हैं. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने वीडियो को लेकर गुस्सा जताया और कांग्रेस नेता के खिलाफ नाराजगी जताई.

हमने सबसे पहले ये जानना चाहा कि वीडियो की असल लोकेशन क्या है. वेरीफिकेशन टूल ‘इनटेल टेक्नीक्स’की मदद से हमें एक सुराग मिला कि वीडियो जोधपुर का हो सकता है. इसके बाद हमने गहलोत के जोधपुर में चुनाव प्रचार कार्यक्रम को लेकर उनका ट्विटर हैंडल खंगाला.

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हमने पाया कि गहलोत ने 21 नवंबर को जोधपुर के उम्मेद स्टेडियम में हुए कार्यक्रम को लेकर यही वीडियो ट्वीट किया था. गहलोत ‘मिलाद उल नबी’ के मौके पर धार्मिक जुलूस को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर रहे थे.

वायरल वीडियो में दिख रही लोकेशन और उम्मेद स्टेडियम की तस्वीरों को मिला कर देखा गया तो ये साफ़ हो गया कि वीडियो में दिख रहा लोकेशन असल में जोधपुर का उम्मेद स्टेडियम ही है और तारीख भी 21 नवंबर ही है.

अशोक गहलोत की सोशल मीडिया टीम के प्रमुख लोकेश शर्मा से हमने संपर्क किया तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की. शर्मा ने कहा, ‘वीडियो 21 नवंबर को शूट किया गया  जब उन्होंने (गहलोत ने) जोधपुर में मिलाद-उल-नबी के जुलूस को रवाना किया था.’ शर्मा ने भी दावा किया कि वीडियो में दिख रहे हरे झंडे पाकिस्तान के नहीं बल्कि इस्लाम से जुड़े धार्मिक झंडे हैं. शर्मा ने कहा, ‘इसी तरह के झंडे स्थानीय धार्मिक समारोहों में इस्तेमाल किए जाते रहे हैं.’  

वीडियो में दिख रहे हरे झंडों में से एक को बारीकी से देखा गया तो उसमें सफेद रंग गायब था. ऐसे हरे झंडों को लोग अक्सर पाकिस्तान का समझने की भूल करते हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे में बाईं तरफ सफेद रंग का बैंड होता है और दाईं ओर बीच में चांद और तारा होता है. 

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम की पड़ताल से सामने आया कि राजस्थान चुनाव से पहले वीडियो को गलत कैप्शन के साथ लोगों को गुमराह करने के लिए फैलाया जा रहा है.

(ये रिपोर्ट फ़ेक न्यूज़ से लड़ने के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट 'एकता न्यूज़रूम' का हिस्सा है.)

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