चुनावी मौसम में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें पांच अलग अलग धर्मो के गुरु कांग्रेस का झंडा लिए हुए नज़र आ रहे हैं. इस फोटो को गुजरात यूथ कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है.
“कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ | #RahulForBehtarBharat #AbHogaNYAY”
फोटो के साथ कैप्शन में लिखा गया है - " कांग्रेस ही देश को जोड़े रख सकती है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सबके साथ कांग्रेस का हाथ "
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये तस्वीर फोटोशॉप्ड है. असली फोटो में धर्मगुरू भारत का झंडा लिए हुए हैं.
गुजरात यूथ कांग्रेस सहित कई लोगों ने इस तस्वीर को असली समझ कर शेयर किया है. "60 Years Of Congress" नाम के एक फेसबुक पेज ने इसे 5 अप्रैल को पोस्ट किया था जिसे अभी तक 5500 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.
फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि पिछले साल असली तस्वीर पर समाजवादी पार्टी का झंडा फोटोशॉप करके भी इसे शेयर किया गया था.
उस समय संत और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी दीपांकर ने इस बात का खंडन किया था और असली फोटो भी शेयर की थी. स्वामी ने ट्वीट कर ये स्पष्ट किया था कि ये तस्वीर वाघा बॉर्डर की है जहां वो अन्य धर्मगुरुओं के साथ राष्ट्रीय ध्वज लेकर चले थे.
जैन धर्मगुरु आचार्य लोकेश मुनि ने इस कार्यक्रम का वीडियो भी शेयर किया था.
कांग्रेस के झंडे वाली फोटो को ध्यान से देखने पर भी यह साफ़ समझ आता है कि झंडों को तस्वीर में अलग से जोड़ा गया है.