पिछले महीने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके गुलाम नबी आजाद जल्द ही अपनी नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं. उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि वो बीजेपी सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं, लेकिन राहुल गांधी की तरह पीएम मोदी का अपमान नहीं करते. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी के 'वफादार सैनिक' का नाम दे दिया है.
इस सियासी गहमा-गहमी के बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. इस फोटो में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी 'रॉ' के चीफ सामंत कुमार गोयल और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद किसी कमरे में एकसाथ बैठे दिख रहे हैं.
इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, "श्री गुलाम नबी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने से पहले अमित शाह आवास पर श्री अमित शाह और श्री सामंत कुमार से मुलाकात की".
‘गुजरात प्रदेश कांग्रेस सेवादल’ ने भी वायरल पोस्ट को अपने ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया. इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
‘आजतक’ की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि ये फोटो एडिटेड है. असली फोटो में अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और गोवा विधानसभा के विधायक माइकल विंसेंट लोबो मौजूद हैं.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
अगर हाल ही में अमित शाह और गुलाम नबी आजाद के बीच कोई मुलाकात हुई होती तो इसके बारे में खबरें जरूर छपी होतीं. लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.
गूगल लेंस पर इस फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें 'एनडीटीवी' की सितम्बर 2021 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव से पहले देवेंद्र फडणवीस ने अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी.
इस रिपोर्ट में उनकी मुलाकात की जो तस्वीर मौजूद है वो वायरल फोटो से काफी मिलती-जुलती है. दरअसल इस तस्वीर से काफी छेड़छाड़ की गई है. पहली चीज, इसे फ्लिप किया गया है, यानी दाहिना हिस्सा, वायरल फोटो में बाईं तरफ दिख रहा है. दूसरी चीज, इसे एडिट करके इसमें फडणवीस की जगह सामंत कुमार का और माइकल लोबो की जगह गुलाम नबी आजाद का चेहरा लगा दिया गया है. साथ ही, वायरल फोटो में पीछे की दीवार पर लगी राम मंदिर की तस्वीर भी असली फोटो में मौजूद नहीं है. साफ पता लग रहा है कि उसे भी एडिट करके अलग से जोड़ा गया है.
अलग से जोड़ी गई गुलाम नबी आजाद की इस फोटो को हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च की मदद से ढूंढने की कोशिश की. हमें ये फोटो 'प्रोकेरला' की एक रिपोर्ट में मिली जो गुलाम नबी और डीएमके प्रमुख रहे स्वर्गीय एम करूणानिधि के बीच 2014 में हुई एक मुलाकात के बारे में थी. इस तस्वीर में से गुलाम नबी का चेहरा एडिटिंग के जरिये क्रॉप करके वायरल फोटो में जोड़ दिया गया है.
जाहिर है, एक फर्जी फोटो के जरिये अमित शाह और गुलाम नबी आजाद की मुलाकात की अफवाह फैलाई जा रही है.
(रिपोर्ट: संजना सक्सेना)