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फैक्ट चेक: भारत में विपक्ष ने कभी नहीं कहा कि मसूद अजहर आतंकी नहीं है

चीन, मसूद अजहर का नाम इस सूची में डालने की मांग की गहन समीक्षा करना चाहता है. कांग ने कहा कि हमें और समय चाहिए जिसकी वजह से हमने इसे टेक्निकल होल्ड पर रखने का निर्णय लिया है. हम उम्मीद करते हैं कि “1267 प्रतिबंध  कमेटी” जो भी एक्शन लेगी उससे संबंधित देशों को इस मामले को बातचीत के जरिए मामला सुलझाने में मदद मिलेगी.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
भारत में विपक्ष ही मसूद अजहर को आतंकी नहीं मानता तो चीन क्यों माने?
सच्चाई
भारत में विपक्ष ने कभी नहीं कहा कि मसूद अजहर आतंकवादी नहीं है, वहीं चीन का यूएन में मसूद पर बैन के विरोध का निर्णय अलग कारणों पर आधारित है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को चीन के विरोध के चलते संयुक्त राष्ट्र, ग्लोबल आतंकी घोषित नहीं कर पाया. सोशल मीडिया पर अब इससे जुड़ी फर्जी खबरें वायरल होने लगी हैं. फेसबुक पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इसके पीछे भारत के विपक्षी दलों की भूमिका है क्योंकि चीन ने यूएन को तर्क दिया है कि जब भारत में विपक्ष ही मसूद को आतंकी नहीं मानता तो हम कैसे मान लें.

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पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा पूरी तरह से गलत है.

फेसबुक पेज "NAMO" ने  एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें एक तरफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दूसरी तरफ आतंकी मसूद अजहर और नीचे की तरफ महागठबंधन की तस्वीर नजर आ रही है. इस तस्वीर के नीचे लिखा गया है: "चीन ने UN में तर्क दिया है कि अगर भारत का विपक्ष ही मसूद को आतंकी नहीं मानता तो हम कैसे मान लें..."संयुक्त राष्ट्र (UN)"

अब यह भारत के लोगों को सोचना है कि वो विपक्ष को वोट क्यों करें..."विक्रम शर्मा"."

खबर लिखे जाने तक ये पोस्ट 16000 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी थी, जबकि कमेंट्स सेक्शन में लोग कांग्रेस को आड़े हाथों लेते नजर आए.

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दावे का सच जानने के लिए हमने इंटरनेट पर चीन के मसूद पर बैन के विरोध की वजह को खंगालना शुरू किया. हमें चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रेस रिलीज मिली जिसमें मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने इस विरोध की वजह बताई. कांग के मुताबिक चीन के इस "टेक्निकल होल्ड" के पीछे वजह यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की “1267 प्रतिबंध  कमेटी” का किसी संस्थान या व्यक्ति को आतंकवाद सूची में डालने की प्रक्रिया के मानदंड हैं.

चीन, मसूद अजहर का नाम इस सूची में डालने की मांग की गहन समीक्षा करना चाहता है. कांग ने कहा कि हमें और समय चाहिए जिसकी वजह से हमने इसे टेक्निकल होल्ड पर रखने का निर्णय लिया है. हम उम्मीद करते हैं कि “1267 प्रतिबंध  कमेटी” जो भी एक्शन लेगी उससे संबंधित देशों को इस मामले को बातचीत के जरिए मामला सुलझाने में मदद मिलेगी.

भारतीय मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

उधर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के इस निर्णय पर अपनी निराशा जाहिर की है. वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भी बुधवार को ट्वीट कर चीन के इन निर्णय की जानकारी दी थी.

भारत में विपक्ष ने ये कभी नहीं कहा कि मसूद अजहर आतंकवादी नहीं है, बल्कि कांग्रेस ने समय समय पर मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.

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फेसबुक पेज "NAMO" पर अपलोड किए गए इस पोस्ट पर विक्रम शर्मा का नाम लिखा है साथ ही उसे इस पोस्ट के साथ टैग भी किया गया है. फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार विक्रम जालंधर का रहने वाला है और फेसबुक पेज NAMO का को-एडमिन व एडिटर भी है.

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