Advertisement

फैक्ट चेक: आरोपियों को बुरी तरह पीटते पुलिसकर्मियों का ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा कि सड़क पर युवकों को बेरहमी से पीटते हुए पुलिसकर्मियों का वीडियो उत्तर प्रदेश का है. आजतक की फैक्ट चेक टीम ने सोशल मीडिया यूजर्स के दावे की सच्चाई का पड़ताल लगाया है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे उत्तर प्रदेश में लड़कियों को छेड़ रहे युवकों को पुलिस पीट रही है.
सच्चाई
ये वीडियो 2015 का है और एमपी के इंदौर का है जब पुलिस ने वहां कथित अपराधियों पर कार्रवाई की थी.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

सड़क पर युवकों को बेरहमी से पीटते कुछ पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो को उत्तर प्रदेश का बताते हुए कहा जा रहा है कि मार खा रहे ये लोग लड़कियों को छेड़ रहे थे, जिसके बाद योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने इनका ये हश्र किया.

वीडियो की शुरुआत में भरे बाजार में कुछ पुलिसकर्मी एक आदमी को पकड़े हुए हैं. और एक पुलिसवाला इस आदमी को लाठी से बुरी तरह से पीट रहा है. इसके बाद एक दूसरी क्लिप आती है जिसमें पुलिस कुछ लोगों से उठक-बैठक लगवा रही है. फिर इन्हीं में से दो युवकों को पुलिसवाले लाठी से पीटने लगते हैं.

Advertisement

वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लोग लिख रहे हैं, “उत्तर प्रदेश में आने जाने वाली लड़कियों का छेड़ना करना कितना भारी पड़ सकता है. इन गुंडो की साथ पुरखा भी याद रखेंगे. बेटी बहन सबकी होती है उनकी इलाज सही कर रहे हैं बाबा जी”. इस दावे के साथ वीडियो  इंस्टाग्राम और एक्स पर कई यूजर्स शेयर कर चुके हैं.
 

 

लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो 2015 का है और एमपी के इंदौर का है, न कि यूपी का.

कैसे पता की सच्चाई? 

वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये जून 2015 के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां इतनी बात साफ हो गई कि ये घटना अभी की नहीं बल्कि सालों पुरानी है. थोड़ा और सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो में दिखाई गई दोनों क्लिप्स एबीपी न्यूज की 29 मई 2015 की एक वीडियो रिपोर्ट में मिलीं. 

Advertisement

इस वीडियो रिपोर्ट में बताया गया है कि उस समय इंदौर पुलिस ने गुंडागर्दी और अपराध को रोकने के लिए एक अभियान चलाया था. इसके तहत पुलिस कथित अपराधियों को पकड़ती थी और उन्हें सड़क पर ही सजा देती थी. कभी पुलिस इन बदमाशों की परेड निकालती तो कभी इनसे उठक-बैठक लगवाती थी.

साथ ही पुलिस इन्हें बुरी तरह पीटती भी थी. पुलिस ने ऐसा गुंडों का खौफ कम करने के लिए किया था. ये अभियान लगभग एक महीने चला था.


इंदौर पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर उस समय आजतक और इंडिया टीवी ने भी खबरें की थीं.

‘तालिबानी रुख’ अपनाने के लिए पुलिस पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप भी लगे थे. 7 मई 2015 की हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस अभियान में पुलिस पर निर्दोष लोगों को पकड़ने के आरोप भी लगे थे. वहीं, कईयों ने पुलिस की इस कार्रवाई को सराहा भी था.

यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ये वीडियो 10 साल पुराना है और यूपी का नहीं, एमपी के इंदौर का है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement