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फैक्ट चेक: कथावाचक जया किशोरी की फोटो से छेड़छाड़ करके पहनाई गई क्रिसमस कैप

कथावाचक जया किशोरी की क्रिसमस कैप पहने हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर विवाद का सबब बन गई हैं. जया की दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने लाल रंग के कुर्ते और दुपट्टे के साथ सफेद बॉर्डर वाली लाल क्रिसमस कैप लगाई हुई है.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
कथावाचक जया किशोरी ने बड़े दिन के मौके पर क्रिसमस कैप लगाकर एक तस्वीर खिंचवाई.
सच्चाई
सोशल मीडिया पर जय किशोरी की जो तस्वीरें वायरल हैं, उन्हें एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है. असली तस्वीरों में जया किशोरी ने क्रिसमस कैप नहीं पहनी है.
ज्योति द्विवेदी
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

कुछ समय पहले मशहूर कथावाचक मुरारी बापू के एक बयान पर विवाद हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपने प्रवचन में श्रीकृष्ण के पूर्वजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनके भाई बलराम को शराबी कहा था. इससे बीजेपी के पूर्व विधायक पबुभा माणेक आपा खो बैठे थे और उन्होंने उन पर हमला करने की भी कोशिश की थी.

अब एक और कथावाचक जया किशोरी की क्रिसमस कैप पहने हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर विवाद का सबब बन गई हैं. जया की दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने लाल रंग के कुर्ते और दुपट्टे के साथ सफेद बॉर्डर वाली लाल क्रिसमस कैप लगाई हुई है.

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एक यूजर ने इस कोलाज को शेयर करते हुए लिखा, “यह सैंटा का फुग्गे वाला फोटो किसी ईसाई महिला या बॉलीवुड की सिनेमा तारिका का नहीं बल्कि हिन्दू कथा वाचिक जय किशोरी जी का है. वही जय किशोरी जी जिनके भजनों पर करोड़ों हिन्दू झूमते हैं और लाखों हिन्दू जिन्हे आदर्श मानते हैं. इनको इतना मान-सम्मान-धन-दौलत सब कुछ हिन्दू कथा वाचिक के रूप में प्राप्त हुआ पर जब सब कुछ मिल गया तब इन्हे भी अन्य कथा वाचकों की तरह सर्व धर्म समभाव का कीड़ा काटने लगा. लगता है जया किशोरी जी ने मोरारी वाले कांड से कुछ नहीं सीखा. हमें तो लगता था कि मोरारी कांड से इन लोगों की बुद्धि ठिकाने आ गई होगी पर लगता है कि एक और अभियान आवश्यक है.”

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि कथावाचक जया किशोरी की तस्वीरों का जो कोलाज सोशल पर शेयर किया जा रहा है, उन्हें एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है. असली तस्वीरों में जया ने क्रिसमस कैप नहीं लगाई हुई है.

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फेसबुक पर ये पोस्ट काफी वायरल है. ट्विटर पर भी बहुत सारे लोग इसे शेयर कर रहे हैं.

पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, “ये वही कथा वाचिका हैं जो कुछ समय पहले अपनी कथा में इस्लाम का गुणगान कर रही थीं!” एक अन्य यूजर ने लिखा, “जया जी आपका यह कृत्य शास्त्र सम्मत नहीं है सनातन परंपरा के प्रतिकूल है.”

क्या है सच्चाई

जया किशोरी ने 29 दिसंबर 2020 को एक ट्वीट के जरिये इस बात की पुष्टि की थी, कि क्रिसमस कैप पहने हुए उनकी जो फोटो लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं, वह असली नहीं है.

जब हमने वायरल तस्वीरों को रिवर्स सर्च के जरिये तलाशा, तो पता चला कि उनमें से एक फोटो को जया ने 9 नवंबर को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था. वहीं, दूसरी वायरल फोटो जया के ट्विटर प्रोफाइल की डिस्प्ले पिक्चर यानी डीपी है.

जया किशोरी के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मौजूद इन दोनों तस्वीरों की तुलना हमने वायरल कोलाज की तस्वीरों से की. इस तुलना से ये साफ पता चलता है वायरल तस्वीरों में क्रिसमस कैप अलग से जोड़ी गई है.

हमें जया किशोरी की पिछले साल की एक फेसबुक पोस्ट मिली, जिसमें उन्होंने क्रिसमस की शुभकामनाएं दी हैं. इससे पता चलता है कि वो सभी धर्मों के प्रति आदर का भाव रखती हैं.

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कोलकाता में जन्मीं जया किशोरी देश की चर्चित कथावाचकों में से एक हैं और उन्हें सात दिन लंबी श्रीमद्भगवत कथा के लिए जाना जाता है. उन्होंने बहुत कम उम्र से भजन, कीर्तन और कथा करना शुरू कर दिया था.

‘जनसत्ता’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने श्री शिक्षणाटन कॉलेज और महादेवी बिरला विश्व अकादमी, कोलकाता से अपनी पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने ओपन स्कूल के जरिये बीकॉम भी किया है.

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