जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता अजय आलोक सोशल मीडिया पर घूमने वाली एक पुरानी अफवाह में फंस गए. सोशल मीडिया पर काफी समय से एक अफवाह रह-रहकर फैलती है कि यूनेस्को ने भारतीय राष्ट्रगान 'जन गण मन' को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रगान घोषित किया है.
शनिवार को अजय आलोक ने ट्वीट किया, “अभी कुछ देर पहले UNESCO ने जन गण मन यानी हमारे राष्ट्रीय गान को सर्व श्रेष्ठ घोषित किया हैं बधाई हो सभी को अब कुछ लोग ये मत कह देना की मोदी शाह ने मैनेज किया हैं.”
उनका यह ट्वीट स्टोरी लिखने तक करीब 24000 लोगों ने लाइक किया और करीब 4500 बार शेयर किया गया.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है. यूनेस्को ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. सोशल मीडिया पर यह फर्जी दावा कई वर्षों से वायरल होता रहता है. अजय आलोक ने अपने ट्वीट में जो लिखा था, हूबहू उन्हीं वाक्यों के साथ यह दावा फेसबुक पर भी किया गया.
यह गलत सूचना 2008 से प्रसारित होना शुरू हुई थी. उस समय इंडिया टुडे ने यूनेस्को से स्पष्टीकरण के लिए संपर्क किया था. जवाब में यूनेस्को के प्रतिनिधि ने स्पष्ट तौर पर इनकार किया था कि उन्होंने ऐसे किसी पुरस्कार की कोई घोषणा नहीं की है.
इस साल मार्च में वेबसाइट Factly ने भी इस दावे को फर्जी बताया था. Factly को यूनेस्को की वेबसाइट पर एक दस्तावेज मिला जिसमें इस वायरल मैसेज के बारे में चर्चा की गई है. इस दस्तावेज में यह साफ लिखा है कि यह वायरल मैसेज एक मशहूर हो चुकी अफवाह है.
अंग्रेजी अखबार The Indian Express ने 2016 में इसे साल की सबसे बड़ी फेक न्यूज की सूची में शामिल किया था.
जब अजय आलोक को ट्विटर यूजर की ओर से ध्यान दिलाया गया कि यह खबर अफवाह है तो जवाब में अजय आलोक ने कहा, “अगर ये गलत खबर है जो what's app पर फैलाई गई है तो भी मुझे ये खबर खुशी और आत्मिक संतोष देती है क्योंकि इससे पूरे विश्व में मेरे देश के राष्ट्र गान की चर्चा तो होती हैं की हम सर्व श्रेस्ठ है.”