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फैक्ट चेक: नहीं, फर्जी नहीं हैं इस SFI कार्यकर्ता के जख्म

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी को हिंसा हुई. खबरें आईं कि स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ता सूरी कृष्णन इस हिंसा में घायल हुए हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा के बाद एसएफआई कार्यकर्ता सूरी कृष्णन ने अपने घायल होने का दिखावा किया.
सच्चाई
मेडिकल रिपोर्ट से साबित होता है कि सूरी कृष्णन हिंसा में घायल हुए थे.
चयन कुंडू
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:40 AM IST

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी को हिंसा हुई. खबरें आईं कि स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ता सूरी कृष्णन इस हिंसा में घायल हुए हैं. मुख्यधारा के मीडिया में उनकी फोटो भी छपी. जिसमें वे सिर में पट्टी बांधे हुए दिख रहे हैं.

अब कुछ सोशल मीडिया यूजर यह कहकर कृष्णन पर निशाना साध रहे ​हैं कि वे घायल होने का दिखावा कर रहे हैं, उनके हाथ और सिर पर दिख रहे जख्म फर्जी हैं. ये यूजर्स तीन फोटो एक साथ शेयर कर रहे हैं- एक फोटो में उनके सिर और हाथ में पट्टियां बंधी हैं, दूसरी में उनके सिर में पट्टी बंधी हुई दिख रही है और तीसरी फोटो में उनके सिर या हाथ में कोई पट्टी नहीं दिख रही है, बल्कि उनके गले में और हाथ में फूलों की माला दिख रही है.

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फेसबुक पेज “We Support Dr Subramanian Swamy” इन तस्वीरों को अपलोड करते हुए लिखा है, “मात्र 6 घंटे में हमारे गंभीर रूप से घायल जेहादी कामरेड सूरी ने अपने केरल के कॉमरेडों के उत्सव में हिस्सा लिया. दुनिया की मेडिकल हिस्ट्री में सिर में फ्रैक्चर और दोनों हाथों में फ्रेक्चर का सबसे कम समय में इलाज”.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है. ​मेडिकल रिपोर्ट में साबित हुआ है कि कृष्णन के सिर और हाथ में घाव हैं. स्टोरी लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2,300 बार ​शेयर किया जा चुका है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

कई लोग जैसे फिल्मकार अशोक पंडित ने ट्विटर पर ऐसा ही दावा किया है. “ABVP” के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और कई बीजेपी कार्यकर्ता जैसे “Y. Satya Kumar ” और “Prabin Padhy” ने भी ऐसा ही दावा किया है.

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AFWA की पड़ताल

रिवर्स सर्च और कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमने पाया कि केरल में एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कृष्णन का स्वागत किया. कई मलयालम न्यूज रिपोर्ट में इसे पढ़ा जा सकता है. इन खबरों में उनकी जो ​तस्वीर इस्तेमाल हुई है. उनमें देखा जा सकता है कि उनके सिर और हाथ में पट्टी नहीं बंधी है और उनके गले में फूलों की माला है.

बाद में कृष्णन ने एक छोटे से वीडियो के ज​रिये अपने घाव के बारे में स्पष्टीकरण दिया. कई फेसबुक पेज और सोशल मीडिया यूजर्स जैसे “Comrade” और “Kriti Roy” ने यह वीडियो पोस्ट किया है.

इस वीडियो में कृष्णन ने जेएनयू हिंसा में अपने सिर में हुआ घाव दिखाया है और अपने हाथ में लगी चोट के बारे में बताया है. वीडियो के स्क्रीनशॉट से देखा जा सकता है कि उनके सिर में टांके लगे हैं.

कृष्णन का 5 जनवरी को एम्स में इलाज हुआ था. हमने अपने केरल के रिपोर्टर गोपीकृष्णन उन्नीथन के जरिये उनकी मेडिकल रिपोर्ट भी प्राप्त की. मेडिकल रिपोर्ट से यह पुष्टि होती है कि उनके सिर में चोट आई है. मेडिकल रिपोर्ट में उनके हाथ में फ्रैक्चर का जिक्र नहीं है लेकिन इसमें  सूजन और चोट का जिक्र है.

इस तरह हम कह सकते हैं कि वायरल हो रहा यह दावा गलत है कि कृष्णन ने चोट लगने का दिखावा किया और फर्जी जख्म दिखाए.

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