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फैक्ट चेक: भीड़ की हिंसा का वीडियो दिल्ली रेलवे स्टेशन का नहीं

बुधवार को पुरानी दिल्ली से हेडफोन नहीं खरीदने पर एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने की वारदात सामने आई थी. जल्द ही, सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो को इस खबर के साथ जोड़ कर फैलाना शुरू कर दिया. इस वीडियो में भरे बाज़ार एक आदमी को बड़ी बेरहमी से पीटा जा रहा है. क्या है वीडियो की हकीकत? जानिए फैक्ट चेक में.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक हेडफोन न खरीदने पर भीड़ के एक शख्स की हत्या करने का वीडियो
सच्चाई
वायरल वीडियो मेरठ का है और इसका दिल्ली के हादसे से कोई लेना देना नहीं
विद्या
  • मुंबई,
  • 29 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

बुधवार को पुरानी दिल्ली से हेडफोन नहीं खरीदने पर एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने की वारदात सामने आई थी. जल्द ही, सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो को इस खबर के साथ जोड़ कर फैलाना शुरू कर दिया. इस वीडियो में भरे बाज़ार एक आदमी को बड़ी बेरहमी से पीटा जा रहा है.

दावा

आम लोगों के साथ-साथ दिल्ली प्रदेश यूथ कांग्रेस के आधिकारिक पेज पर एक वीडियो शेयर कर लिखा गया, “सभ्य समाज के माथे पर कलंक की एक और तस्वीर आई सामने, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर हेडफोन ख़रीदने को लेकर एक मामूली से झगड़े में चली गई इस युवक की जान”

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इस वीडियो में एक कुर्ता पैजामा पहना शख्स अपने आप को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा है जो उसे लगातार पीट रहे हैं. इस वीडियो की शुरुआत में भी लिखा है “प्रशासन की लापरवाही से एक युवक की गई जान.” इस पोस्ट को कुछ लोगों ने शेयर किया है और इसका आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

कुछ और फेसबुक यूज़र्स ने भी इसी दावे को शेयर किया है तो वहीं एक न्यूज एंकर ने भी इसी वीडियो को यूथ कांग्रेस के पेज वाले दावे के साथ ही दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया. हालांकि एंकर ने बाद में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया

सच्चाई क्या है?

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वार रूम (AFWA ) ने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो का हादसे से कुछ लेना देना नहीं. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर एक वारदात हुई. जिसमें में एक शख्स को कुछ लोगों ने पीट-पीटकर मार दिया क्योंकि उसने हेडफोन के लिए मोल भाव तो किया पर खरीदा नहीं. ये वारदात सोमवार की रात को हुई थी और जो वीडियो वायरल हो रहा था वो दिन का था. इस घटना को कई अखबारों ने कवर किया है जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।

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जब ये साफ हो गया कि ये वीडियो इस हादसे का तो नहीं हो सकता तो इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वार रूम ने वायरल वीडियो को बारीकी से परखा. इस वीडियो की शुरुआत में दीवार पर “ऐलॉए व्हील्स” और “व्हील एलाइंमेंट” लिखा हुआ है. यानी वीडियो में कैद वारदात ऑटोमोबाइल से जुड़ी किसी दुकान के पास हुई. वहीं वीडियो के अंत में सड़क की दूसरी तरफ “सारा होटल बार और रेस्ट्रां” का नाम दिख रहा है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वार रूम ने पाया कि दरअसल ये होटल मेरठ में है और इसके ठीक सामने “शिवालय यमाहा” नाम की दुकान है, जो की नीचे मैप में देखा जा सकता है.

इसके बाद हमने मेरठ में भीड़ का शिकार हुए आदमी को लेकर खबर ढ़ूंढी तो इससे जुड़ी कई खबरें सामने आई. दरअसल सोमवार को वहां भी एक ऐसी घटना हुई थी जिसमें लड़की के साथ छेड़छाड़ करने पर लोगों ने एक शख्स को पीट डाला था. इस मामले में आरोपी इस वक्त जेल में है और इससे जुड़ी खबरें द टाइम्स आफ इंडिया और अमर उजाला में पढ़ी जा सकती हैं. इन खबरों में वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स और भीड़ भी दिख रही है.

साफ है इस वीडियो का पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर हुई हत्या से कोई लेना देना नहीं है.

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