भगवान राम की विशालकाय मूर्ति पर चढ़कर उसे तोड़ने की कोशिश करते युवक का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि ये घटना मुंबई के मीरा रोड इलाके की है, जहां हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.
गौरतलब है कि मीरा रोड इलाके में 21 जनवरी को, यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले, एक जुलूस पर कथित पथराव के बाद दो गुटों के बीच टकराव हो गया था. मिड डे की 26 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अब तक 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसी संदर्भ में अब भगवान राम की मूर्ति तोड़ने की कोशिश करते युवक का वीडियो वायरल हो रहा है.
एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “यह सभी मीरा रोड के बाबर वंशज ऐसी हरकतें करते हैं उसके बाद कुटाते फिर कहते हैं कि हमारी तो गलती थी ही नहीं.”
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही घटना मुंबई में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुई थी.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने देखा कि इस वीडियो को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल ही में अयोध्या का बताकर शेयर किया था. साथ ही, ये भी लिखा था कि ये घटना अमृत महोत्सव समारोह में स्वामी रामभद्राचार्य की कथा के दौरान हुई थी.
इस जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर एक वीडियो मिला जिसमें वायरल वीडियो जैसी ही मूर्ति नजर आ रही है. इसके अलावा, 'नवभारत टाइम्स' ने भी हाल ही में अमृत महोत्सव के बारे में एक फोटो स्टोरी छापी थी. इसमें भी वही मूर्ति देखी जा सकती है.
दरअसल, जगद्गुरु रामभद्राचार्य के 75वें जन्म दिवस के मौके पर अयोध्या में 14 से 22 जनवरी तक अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया था. इस महोत्सव के आयोजन स्थल में रामचरितमानस पर आधारित थीम पार्क बनाया गया था. वायरल वीडियो में दिख रही मूर्ति इसी थीम पार्क का हिस्सा थी.
इस घटना के चश्मदीद युवक ने क्या बताया
हमें इंस्टाग्राम पर वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक ऐसा वीडियो मिला जिसमें एक शख्स इस घटना की कमेंट्री कर रहा है. इस पोस्ट में वायरल वीडियो का क्रेडिट '@vloggershiva' नाम के एक इंस्टाग्राम हैंडल को दिया गया है. इस हैंडल को चलाने वाले सुल्तानपुर निवासी व्लॉगर वैभव श्रीवास्तव ने इस घटना का विस्तृत वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर 25 जनवरी, 2024 को पोस्ट किया था. इसमें दिखाई देता है कि भगवान राम की मूर्ति तोड़ने की कोशिश करने वाले युवक की भीड़ पिटाई कर रही है.
इसके अलावा, वीडियो में दिख रही भीड़ में कुछ पुलिसवाले भी दिख रहे हैं जिनकी यूनिफॉर्म पर 'यूपी पुलिस' लिखा देखा जा सकता है. साथ ही, एक जगह बोर्ड पर 'अयोध्या' भी लिखा नजर आता है.
हमने इस बारे में और जानकारी पाने के लिए व्लॉगर वैभव श्रीवास्तव को कॉल किया. उन्होंने 'आजतक' को बताया कि जब ये घटना हुई, तो वो वहीं मौजूद थे और ये वीडियो उन्होंने ही बनाया है.
वैभव ने हमें इस वीडियो से जुड़ी अहम जानकारियों का स्क्रीनशॉट भी भेजा. इसे देखकर साफ पता लग रहा है कि ये वीडियो 20 जनवरी, 2024 को रात 9:25 पर अयोध्या में बनाया गया था. यानी, हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि ये घटना 20 जनवरी की है.
वैभव ने हमें इस घटना का एक ऐसा वीडियो भी भेजा जिसमें मूर्ति तोड़ने वाले शख्स को पीछे की तरफ से मूर्ति पर चढ़ते देखा जा सकता है. इस दौरान भगवान राम के धनुष का एक हिस्सा भी टूट कर गिर जाता है.
कौन है मूर्ति तोड़ने वाला शख्स?
वीडियो की हकीकत जानने के लिए हमने इसके बारे में 'यूपी पुलिस सोशल मीडिया सेल' के इंचार्ज राहुल श्रीवास्तव से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो में मूर्ति तोड़ता दिख रहा शख्स मुख्तार अली मण्डल है. दरअसल, 20 जनवरी, को अमृत महोत्सव के दौरान मुख्तार शराब के नशे में भगवान राम की मूर्ति पर चढ़कर सेल्फी लेने लगा था, जिससे दफ्ती से बना धनुष टूट गया था. बाद में 24 जनवरी को जब निर्मल कुमार पाण्डेय नाम के एक व्यक्ति ने उसे समझाने की कोशिश की तो मुख्तार ने उस पर चाकू से हमला कर दिया. साथ ही, मुख्तार ने कहा कि उसने जानबूझकर हिंदुओं से बदला लेने के इरादे से भगवान राम की मूर्ति को तोड़ने का प्रयास किया था, क्योंकि राम मंदिर, मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है.
इस मामले में निर्मल कुमार पाण्डेय की तहरीर पर मुख्तार अली मण्डल के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. साफ है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुए एक वाकये को मुंबई का बताकर पेश किया जा रहा है.