मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार बनी रहेगी या कमलनाथ एक बार फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे, इसका फैसला मंगलवार को हो जाएगा. मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव हुए थे, जिसका नतीजा बिहार चुनाव के नतीजों के साथ 10 नवंबर को आना है.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज का एक स्क्रीनशॉट वायरल होने लगा है. स्क्रीनशॉट के हवाले से दावा किया गया है कि एबीपी के सर्वे में बीजेपी मध्य प्रदेश उपचुनावों में हारती हुई दिख रही है. एबीपी न्यूज के इस स्क्रीनशॉट में लिखा हुआ है, "बीजेपी के हाथ से गया मध्य प्रदेश - सर्वे".
इस स्क्रीनशॉट को पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया यूज़र्स लिख रहे हैं, "मंगलवार के दिन चुनाव की तारीखों का ऐलान मंगलवार के दिन ही वोटिंग और मंगलवार के दिन ही काउंटिंग होगी इसमें मंगलवार के दिन अंतिम बीजेपी की हार हो गई और कमलनाथ अपनी सरकार कांग्रेस के पक्ष में बनाएंगे जय-जय कमलनाथ जय जय कांग्रेस पार्टी".
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. एबीपी न्यूज का ये सर्वे दिसंबर 2018 का है. उस समय मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे थे जिसको लेकर ये सर्वे आया था.
दो साल पुराना ये स्क्रीनशॉट फेसबुक पर अलग-अलग कैप्शन के साथ खूब शेयर हो रहा है. लोग इस सर्वे को अभी का मानकर कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सत्ता में वापस आने वाले हैं. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें इस स्क्रीनशॉट से जुड़ा एबीपी न्यूज़ का यूट्यूब वीडियो मिला. इस वीडियो को यूट्यूब पर 7 दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया था. वीडियो में 2.50 मिनट बाद वायरल स्क्रीनशॉट वाला हिस्सा देखा जा सकता है. ये एबीपी न्यूज़ का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर किया गया एग्जिट पोल था. इस पोल में बीजेपी एमपी में हारते हुए दिख रही थी.
ये बात भी गौर करने वाली है कि भारतीय निर्वाचन आयोग के आदेशों के अनुसार, 3 नवंबर से 7 नवंबर शाम 6.30 बजे तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल या सर्वे दिखाने पर रोक है. इस स्थिति में कोई न्यूज़ चैनल एग्जिट पोल दिखाए, ऐसा होना मुश्किल है.
हमें ऐसी कोई खबर भी नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि एबीपी न्यूज़ ने एमपी उपचुनावों पर इस तरह का कोई सर्वे कराया है. यहां ये बात साबित हो जाती है कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये सर्वे लगभग दो साल पुराना है और इसका मध्य प्रदेश के मौजूदा उपचुनावों से कोई लेना-देना नहीं है.