यूपी के मैनपुरी में देसी तमंचा रखने की वजह से गिरफ्तार हुई लड़की का वीडियो इन दिनों काफी चर्चा में है. अब कुछ लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि ये युवती मुस्लिम समुदाय से है. ऐसा कहते हुए मुस्लिम समाज पर निशाना साधा जा रहा है. मिसाल के तौर पर, एक व्यक्ति ने लिखा, “यह लोग किस बात की तैयारी कर रहे हैं जो इनकी औरतों के पास भी इस तरह के रिवाल्वर निकल रहे हैं.”
इस वीडियो में नजर आ रहा है कि एक महिला पुलिसकर्मी लड़की की तलाशी ले रही है. इस दौरान, एक शख्स कहता है, “निकालो, निकालो. निकालो तमंचा.” फिर उस लड़की की जींस की जेब से देसी तमंचा बरामद होता है. यह देखकर कोई कहता है, “चलो, चलो, रख लो, ले चलो. बैठ गाड़ी में.”
फेसबुक पर बहुत सारे लोग इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिख रहे हैं, “UP: मैनपुरी में जींस में तमंचा लगाकर घूम रही एक मुस्लिम शिक्षिका को पुलिस ने दबोचा”.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि हाल ही में जिस लड़की को गैर-कानूनी तमंचा रखने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था वो हिंदू है. मैनपुरी के सदर कोतवाली थाने के एसएचओ अनिल सिंह ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.
कैसे पता की सच्चाई?
मैनपुरी के जेल चौराहे पर 12 अप्रैल 2022 के दिन पुलिस को एक कोल्ड ड्रिंक पीती हुई लड़की दिखी थी जिसके पास एक देसी तमंचा था. लड़की को सदर कोतवाली लाया गया और उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
इस घटना को लेकर कई न्यूज रिपोर्ट्स छपी थीं. हमें ऐसी कई खबरें मिलीं जिनमें बताया गया है कि इस लड़की का नाम करिश्मा यादव है. नाम से ही पता लग रहा है कि वो हिंदू है.
क्या कहना है पुलिस का?
हमने ये वीडियो मैनपुरी के सदर कोतवाली थाने के एसएचओ अनिल सिंह को भी भेजा. उन्होंने हमें बताया कि गैर-कानूनी तमंचा रखने के मामले में गिरफ्तार हुई लड़की के मुस्लिम होने की बात सिर्फ एक अफवाह है. वो कहते हैं, “लड़की का नाम करिश्मा यादव है और वो हिंदू धर्म से है. उसकी उम्र 19 साल है.”
‘आजतक’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस लड़की ने बताया है कि उसके परिवार के लोग उसकी जमीन हड़पना चाहते हैं और इसलिए वो अपने पास तमंचा रखती है. उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है और वो वर्तमान में मैनपुरी के घिरोर थाना क्षेत्र के ग्राम ओय निवासी अपने फूफा योगेश के यहां रहती है.
जाहिर है, मैनपुरी में देसी तमंचा के साथ गिरफ्तार हुई हिंदू लड़की करिश्मा यादव के मुस्लिम होने का झूठा दावा किया जा रहा है और इसकी आड़ लेकर मुस्लिम समुदाय को बुरा-भला कहा जा रहा है.