सोशल मीडिया पर सेना के एक जवान के शहीद होने से जुड़ा कोलाज खूब शेयर किया जा रहा है. दिल झकझोर देने वाले इस कोलाज में दो तस्वीरें हैं. जहां पहली फोटो एक युवा की सेल्फी लग रही है, वहीं दूसरी फोटो एक अर्थी पर लेटे हुए एक युवा की है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये बिहार के बख्तियारपुर का 19 साल का कमलेश है जो आज मातृभूमि के लिए शहीद हो गया.
फेसबुक पर ये कोलाज काफी वायरल है. खबर लिखे जाने तक ऐसी ही एक पोस्ट को तकरीबन चार हजार लोग लाइक कर चुके थे.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि तस्वीर में दिख रहा सेना का जवान कमलेश कुमार सिंह 13 सितंबर 2019 को शहीद हुआ था, न कि हाल-फिलहाल में. कमलेश के भाई कौशल कुमार सिंह ने 'आजतक' से बातचीत में इस बात की पुष्टि भी की है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें कमलेश कुमार सिंह की शहादत से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. ये सभी खबरें सितंबर 2019 की हैं. इनमें बताया गया है कि कमलेश, बिहार के पटना जिले में स्थित बख्तियारपुर के लखनपुरा गांव के रहने वाले थे. उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में हुई थी. वहीं ड्यूटी करते समय वो शहीद हो गए थे. 'न्यूज 18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक वो पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में शहीद हुए थे.
शहीद कमलेश को अंतिम विदाई देने के लिए तब केंद्र सरकार में मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद भी लखनपुरा पहुंचे थे.
इस बारे में और जानकारी के लिए हमने कमलेश कुमार सिंह के सगे भाई कौशल कुमार सिंह से संपर्क किया. कौशल रेलवे में नौकरी करते हैं और वर्तमान में बैंगलुरु में पोस्टेड हैं. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि कोलाज में इस्तेमाल की गई दोनों तस्वीरें उनके भाई कमलेश की ही हैं. बकौल कौशल, कमलेश की शहादत 13 सितंबर, 2019 को हुई थी. उसी दिन परिवार को इसकी सूचना भी मिल गई थी. वो कहते हैं, "जब ये घटना हुई तो मैं बैंगलुरु में था. मेरे पास सेना के अधिकारियों का फोन आया और उन्होंने मुझे इस बारे में बताया. खबर हमारे परिवार को हिला देने वाली थी. उस वक्त वो सिर्फ 19 साल का था. उसका पार्थिव शरीर 15 सितंबर, 2019 को बिहार लाया गया था."
कौशल ने हमें कमलेश की कुछ तस्वीरें भी भेजीं.
कुल मिलाकर बात साफ है, साल 2019 में हुई एक सेना के जवान की शहादत को अभी की घटना बताकर पेश किया जा रहा है और लाइक-शेयर जुटाए जा रहे हैं.
(इनपुट: धर्मेंद्र कुमार)